भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार कहे जाने वाले खेसारी लाल यादव हर साल छह मार्च को अपना जन्मदिन मनाते हैं. संघर्ष और मेहनत की मिसाल बन चुके खेसारी लाल यादव का फिल्मी सफर बड़ा ही रोमांचक है, उनकी मेहनत और उनका फिल्मों में आना वाकई बिलकुल फिल्मी है. कहते हैं कि खेसारी कभी दिल्ली की सड़कों पर घर परिवार चलाने के लिए लिट्टी चोखा बेचा करते थे. सिवान में एक गरीब परिवार में जन्म लेने के बाद ही खेसारी ने परिवार के पोषण के लिए काफी मेहनत की है. खबरों के अनुसार खेसारी के माता पिता खेती करते थे. खेती से काम नहीं चलता था तो दूसरों की खेती भी बटाई पर ली जाती थी और परिवार का गुजारा चलता था.
बचपन से था एक्टिंग का कीड़ा
खेसारी लाल यादव को बचपन से ही नाच गाने और एक्टिंग का शौक था, वो गांव के बच्चों के बीच एक्टिंग करके दिखाते और बच्चे ताली बजाते. गांव के छोटे मोटे काम करते हुए खेसारी लाल यादव को फौज में नौकरी मिल गई. घरवालों को लगा कि दिन फिर गए लेकिन खेसारी का दिल तो मनोरंजन में लगता था, वो फौज की नौकरी छोड़कर गांव लौट आए. फिर उनकी शादी हुई परिवार बढ़ा. परिवार को लेकर वो गांव से दिल्ली आ गए और यहां पत्नी बच्चों के लिए इन्होंने उन्होंने धागा कटाई की नौकरी भी की और सड़कों पर लिट्टी चोखा भी बेचा, लेकिन कोई भी काम उनका एक्टिंग के प्रति मोह कम नहीं कर पाया.
पत्नी ने किया सपोर्ट
पत्नी का साथ मिला तो खेसारी लाल यादव को हिम्मत के साथ हौसला भी मिला और उन्होंने अपने टैलेंट को शोकेस करना शुरू कर दिया. उनका हैंडसम लुक, अच्छा खासा फिजिक लोगों को भा गया और जल्दी ही उन्हें काम मिलने लगा. खेसारी ने पहले शोज किए और फिर एक्टिंग और सिंगिंग के बल पर नाम कमाया. खेसारी यादव को पहली सफलता मिली फिल्म 'साजन चले ससुराल' से. यहां से उनको पहचान मिली और इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
आज खेसारी लाल यादव भोजपुरी इंडस्ट्री का नाम बन चुके हैं, उनकी करोड़ों की नेट वर्थ बताती है कि उनकी लोकप्रियता लोगों के सिर चढ़कर बोलती है. खेसारी अब स्टाइलिश जीवन जीते हैं और आज भी उनकी झोली फिल्मों के साथ साथ शोज, एंडोर्समेंट से भरी है.
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