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गुरू का कुंडली के तीसरे भाव में कैसा होता है प्रभाव, जानिए कुछ खास बातें

इसे केंद्र भाव भी माना जाता है. अगर इस भाव में गुरू अनुकूल स्थिति में हों तो व्यक्ति को जीवन में सारे सुख मिलते हैं. इस भाव में बृहस्पति के प्रभाव से व्यक्ति को अपनी माता से सुख और स्नेह की प्राप्ति होगी.

Edited by Updated : September 10, 2024 6:19 AM IST
गुरू का कुंडली के तीसरे भाव में कैसा होता है प्रभाव, जानिए कुछ खास बातें
इस भाव को घर, जमीन और वाहन का कारक भी माना जाता है.
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Astrology: कुंडली के चौथे भाव में बृहस्पति को अच्छा माना जाता है. इस भाव में गुरू के प्रभाव से व्यक्ति को काफी लाभ होता है. आर्थिक रूप से संपन्नता मिलती है. उसे भाग्य का साथ भी मिलता है. व्यक्ति को जीवन में काफी मान-सम्मान मिलता है. चौथे भाव को सुख का स्थान माना जाता है. इस भाव को घर, जमीन और वाहन का कारक भी माना जाता है. ऐसे में इस भाव में गुरू के प्रभाव से व्यक्ति को वाहन सुख मिलता है. वह घर और जमीन का भी मालिक बनता है. कुल मिलाकर कहें तो इस भाव में गुरू के प्रभाव से व्यक्ति राजाओं जैसा जीवन व्यतीत करता है.

गुरू के सकारात्मक प्रभाव

कुंडली के चौथे भाव से कई तरह की जानकारी मिलती है. इस कारण इसे केंद्र भाव भी माना जाता है. अगर इस भाव में गुरू अनुकूल स्थिति में हों, तो व्यक्ति को जीवन में सारे सुख मिलते हैं. इस भाव में बृहस्पति के प्रभाव से व्यक्ति को अपनी माता से सुख और स्नेह की प्राप्ति होगी. ऐसा व्यक्ति माता-पिता की सेवा करने वाला होता है. ये अच्छे और शुभ कार्य करने वाले होते हैं और समाज में भी खूब मान-सम्मान मिलता है.

गुरू के नकारात्मक प्रभाव

इस भाव में नकारात्मक प्रभाव की बात करें तो व्यक्ति को अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इस भाव में गुरू अगर अशुभ हों तो माता और जीवनसाथी के साथ संबंधों पर विपरीत प्रभाव देखने को मिल सकता है. व्यक्ति की निर्णय क्षमता में भी कमी देखने को मिल सकती है. इस भाव में गुरू के कुछ नकारात्मक प्रभाव जरूर देखने को मिलते हैं, लेकिन इस भाव में बृहस्पति के सकारात्मक प्रभाव ज्यादा होते हैं.

वैवाहिक जीवन पर प्रभाव

इस भाव में गुरू के प्रभाव से व्यक्ति का वैवाहिक जीवन अच्छा रहता है. जीवनसाथी और संतान के साथ भी संबंध बेहतर बने रहते हैं. उसे संतान सुख भी मिलता है. व्यक्ति का पारिवारिक जीवन सुखमय होता है. वे अपने जीवनसाथी के साथ प्रेम संबंधों का आनंद उठाते हैं. इतना ही नहीं वह वृद्धावस्था में भी सुखमय जीवन व्यतीत करता है. हालांकि, कमजोर बृहस्पति का वैवाहिक जीवन पर विपरीत प्रभाव देखने को मिल सकता है.

गुरू का करियर पर प्रभाव

चौथे भाव में गुरू के करियर पर प्रभाव की बात करें तो व्यक्ति की आर्थिक स्थिति तो बेहतर होती है, लेकिन व्यापार करने वाले लोगों को मेहनत करनी पड़ सकती है. उनके व्यापार की गति धीमी हो सकती है. हालांकि, आपको सरकार की ओर से धन की प्राप्ति हो सकती है. ऐसे लोगों के पास पशुधन भी प्रचुर मात्रा में होने के संकेत मिलते हैं. वैसे शेयऱ मार्केट में निवेश के वक्त सावधानी बरतने की जरूरत होगी, क्योंकि, इसमें नुकसान उठाना पड़ सकता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)