Dharma news : हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे को भगवान का रूप दिया गया है. सुबह शाम इसमें जल चढ़ाना और दिया जलाना नियम है. इस पौधे को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इसका पौधा लगाने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है. घर की तरक्की होती है. ये तो हो गई इसके पौधे के धार्मिक महत्व के बारे में. अब आपको बताते हैं इसकी लकड़ी से बनी माला के बारे में जिसको धारण करने के बाद कुछ नियमों का पालन करना चाहिए.
तुलसी माला पहनने के नियम | Rules for wearing Tulsi Mala
- जो लोग एक बार तुलसी की माला पहन लेते हैं फिर सात्विक भोजन ही करते हैं. मांस मदिरा को हाथ नहीं लगाते हैं. इसके धारण करने के बाद लहसुन प्याज का भी सेवन नहीं करना चाहिए.
- तुलसी की माला को एक बार पहनने के बाद बार-बार उतारना नहीं चाहिए. वहीं, इस माला को पहनने से पहले गंगाजल से धो लीजिए. फिर जब सूख जाए तो पहन लीजिए.
- जो लोग तुलसी की माला एक बार धारण कर लेते हैं वो रोजाना विष्णु मंत्र का जाप करते हैं. वहीं इसके साथ रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए. यह अशुभ माना जाता है.
- अगर आपको तुलसी की माला गले में पहनने से परेशानी है तो दाएं हाथ में उसे लपेटकर भी पहन सकते हैं. वहीं, नित्य क्रिया करने से पहले इसे निकाल कर रख दीजिए. फिर उसे गंगाजल से धोकर पहनें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)