
Lakshmi yog 2025 : कुंडली में ग्रह की स्थिति और आपसी संबंध के आधार पर योग का निर्माण होता है. कुंडली में बनने वाले योग की संख्या अनगिनत है, लेकिन इनमें से कुछ महत्वपूर्ण हैं, जिनका जातक के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव देखने को मिलता है. हालांकि, सभी योग शुभ नहीं होते, कुछ का हमारे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलता है. कुछ योग काफी शुभ और सकारात्मक होते हैं, जो जीवन की दशा और दिशा को बदल देते हैं. यहां हम एक ऐसे ही महत्वपूर्ण योग लक्ष्मी योग की बात करेंगे. जैसा की नाम से ही पता चलता है, लक्ष्मी योग धन की देवी माता लक्ष्मी के नाम से जाना जाता है. अगर आपकी कुंडली में भी लक्ष्मी योग बन रहा है, तो यह मान कर चलिए कि आपका जीवन सुख और समृद्धि के साथ बीतेगा.
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कैसे बनता है लक्ष्मी योग
यदि जातक की कुंडली में लग्न भाव के स्वामी काफी मजबूत स्थिति में हों और नवमेश केंद्र में अपनी मूल त्रिकोण, उच्च या अपनी ही राशि में स्थित हों, तो कुंडली में लक्ष्मी योग बनता है. इसी तरह यदि कुंडली में चंद्रमा और मंगल की युति हो, नवम भाव का स्वामी केंद्र में हो तो भी लक्ष्मी योग बनता है. लक्ष्मी योग के भी कई प्रकार होते हैं, जो ग्रहों की अलग-अलग स्थिति के आधार पर बनते हैं. कुंडली में लक्ष्मी योग के प्रभाव से जातक धनवान होता है और सुख-समृद्धि वाला जीवन व्यतीत करता है.
लक्ष्मी योग के सकारात्मक प्रभाव
लक्ष्मी योग सुख-संपत्ति और धन-धान्य का कारक माना जाता है. अगर जातक की कुंडली में लक्ष्मी योग बन रहा हो, तो उसकी आर्थिक स्थिति बेहतर होती है. उसे कभी धन की कमी नहीं होती. धन के प्रभाव से जातक भोग-विलास वाला जीवन व्यतीत करता है. इतना ही नहीं इस योग के प्रभाव से जातक मल्टी टैलेंटेड होने के साथ ही कई क्षेत्रों में पारंगत होता है. इनकी समाज सेवा में भी रुचि होती है और वे अपनी खुशियां दूसरों के साथ भी बांटते हैं. जातक को भाग्य का भी पूरा साथ मिलता है.
लक्ष्मी योग के नकारात्मक प्रभाव
लक्ष्मी योग को किस्मत बदलने वाला और धन संपत्ति का कारक माना जाता है, लेकिन अन्य योग की तरह इसके भी कुछ नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं. हालांकि ये नकारात्मक प्रभाव ऐसे होते हैं, जिन्हें ज्योतिषीय उपाय के जरिए ठीक किया जा सकता है. इसका एक नकारात्मक प्रभाव यह है कि जातक आम तौर पर आत्म केंद्रित होता है. ऐसे में वह केवल अपने बारे में ही सोचता है, उसे दूसरों की कोई परवाह नहीं होती. इसी तरह कई बार जातक डिप्रेशन का शिकार हो जाता है और उसे लोगों का सामना करने में भी परेशानी हो सकती है. हालांकि, कई बार जातक अपनी इच्छा शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से इन नकारात्मकताओं को दूर करने में सफल रहता है.