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भगवान गणेश के पूजन में इसलिए नहीं शामिल होती हैं तुलसी की पत्तियां, जानें पूरी व्रत कथा

Ganesh Puja 2023 : भगवान गणेश की पूजा में सभी तरह के फल-फूल चढ़ाए जाते हैं. सभी चीजें भगवन को प्रिय हैं. मगर तुलसी का पत्ता चढ़ाने की मनाही है, जानिए क्यों.

Edited by Updated : September 17, 2023 7:14 AM IST
भगवान गणेश के पूजन में इसलिए नहीं शामिल होती हैं तुलसी की पत्तियां, जानें पूरी व्रत कथा
Tulsi in Ganesh Puja : गणेश पूजा में तुलसी का इसलिए नहीं होता इस्तेमाल.
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Tulsi in Ganesh Puja: 19 सितंबर 2023 से गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) की शुरूआत होने वाली है. 10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में लोग बप्पा की पूजा करके उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. मान्यता है कि बप्पा जिस किसी पर मेहरबान होते हैं उसके सारे बिगड़े काम बन जाते हैं और धन, संपत्ति, शांति और समृद्धि में वृद्धि होती हैं. गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन बप्पा को घर लाना सबसे शुभ माना जाता है. वैसे तो भगवान गणेश को सभी प्रकार के फल-फूल चढ़ते हैं, लेकिन अगर आपने उनके पूजन में भूल कर भी तुलसी पत्ता (Tulsi Patta) इस्तेमाल किया तो आप पाप के भागी बन सकते हैं. इससे जुड़ी बहुत प्रखर मान्यता है.

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पूजा में ना करें तुलसी का इस्तेमाल (Don't use Tulsi in Ganesh Puja)

बप्पा के सभी भक्तों को पूरे साल उनका बेसब्री से इंतजार रहता हैं. इस साल गणेश उत्सव की शुरुआत 19 सितंबर 2023 से हो रही है. एक हफ्ते तक लोग उनकी पूजा-अर्चना में मग्न रहेंगे. बप्पा को मुख्य रूप से अक्षत, फूल, दूर्वा और मोदक चढ़ाए जाते हैं. मगर भूलकर भी पूजा में तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए. असल में पौराणिक हिन्दू मान्यताओं के अनुसार तुलसी ने भगवान गणेश को श्राप दे दिया था. 

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पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान गणेश गंगा नदी के घाट पर ध्यान लगाएं बैठे थे. इसी बीच वहां तुलसी देवी आ पहुंची और उनकी नजर गणेश जी पर पड़ी. तुलसी को भगवान गणेश भा गए और उन्होनें वहीं गणेश जी को शादी करने का प्रस्ताव दिया. गणेश जी ने इस प्रस्ताव को इनकार कर दिया. इसपर तुलसी को गुस्सा आया उन्होंने भगवान गणेश को श्राप दिया की उनकी दो शादियां होंगी. 

शिव महापुराण के अनुसार भगवान गणेश की रिद्धि और सिद्धि दो पत्नियां थी. साथ ही इसमें बप्पा के दो बालकों शुभ और लाभ का भी जिक्र मिलता है. इसी वजह से तब से लेकर अबतक भगवान गणेश के किसी भी पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है.

 (प्रस्तुति-अंकित श्वेताभ)

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)