Most Expensive Coffee: दुनियाभर में कॉफी प्रेमी नई-नई और अनोखी ब्रू की तलाश में रहते हैं, लेकिन कोपी लुवाक (Kopi Luwak Coffee) जैसी कॉफी बहुत कम लोग जानते हैं. इसे दुनिया की सबसे महंगी कॉफी माना जाता है. इसकी सबसे बड़ी वजह है इसकी अनोखी बनने की प्रक्रिया, जो सीधे तौर पर एक जानवर से जुड़ी है. कोपी लुवाक इंडोनेशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाई जाती है. इसे एशियन पाम सिवेट (Asian Palm Civet) नाम के छोटे स्तनधारी की मदद से तैयार किया जाता है, जिसे स्थानीय भाषा में 'लुवाक' कहा जाता है. यह जानवर बिल्ली जैसा दिखता है और जंगलों में पाया जाता है.
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जानवर करता है कॉफी बीन्स की क्वालिटी चेकिंग (Kopi Luwak coffee price)
कोपी लुवाक को खास बनाती है लुवाक की खाने की आदत. यह जानवर केवल पूरी तरह पकी और बेहतरीन क्वालिटी वाली कॉफी चेरी ही खाता है. खराब या कच्ची चेरी को वह छूता तक नहीं. इस तरह लुवाक एक नैचुरल क्वालिटी चेकर की तरह काम करता है. जब लुवाक कॉफी चेरी खाता है, तो उसका बाहरी गूदा पच जाता है, लेकिन अंदर मौजूद कॉफी बीन्स सुरक्षित रहती हैं. यही बीन्स आगे चलकर दुनिया की सबसे महंगी कॉफी का आधार बनती हैं.
पेट में होता है खास फर्मेंटेशन (Duniya ki sabse Mehngi Coffee kaise Banti hain)
लुवाक के पाचन तंत्र में मौजूद नेचुरल एंजाइम्स कॉफी बीन्स के साथ एक खास तरह की फर्मेंटेशन प्रक्रिया शुरू कर देते हैं. इस प्रक्रिया से बीन्स की कड़वाहट कम हो जाती है और कॉफी का स्वाद ज्यादा स्मूद और रिच बनता है. पाचन के बाद ये बीन्स जानवर की बीट के साथ बाहर निकलती हैं. इसके बाद इन्हें सावधानी से इकट्ठा किया जाता है, अच्छी तरह धोया जाता है, धूप में सुखाया जाता है और फिर रोस्ट किया जाता है. पूरी प्रक्रिया के बाद यह कॉफी पूरी तरह हाइजीनिक और पीने के लिए सुरक्षित होती है.
इतनी महंगी क्यों होती है कोपी लुवाक (Why Is Kopi Luwak So Expensive)
कोपी लुवाक की कीमत ज्यादा होने की सबसे बड़ी वजह इसकी सीमित उपलब्धता है. सिवेट से बहुत कम मात्रा में ही इस्तेमाल लायक बीन्स मिल पाती हैं. इसके अलावा, बीन्स को इकट्ठा करने और प्रोसेस करने में काफी मेहनत लगती है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोपी लुवाक कॉफी की कीमत लगभग 60,000 से 80,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है. वहीं, विदेशों के लग्जरी कैफे और फाइव-स्टार होटलों में इसका एक कप 3,000 से 5,000 रुपये तक बिकता है. यही कारण है कि इसे लग्जरी कॉफी की कैटेगरी में रखा जाता है.
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वैज्ञानिक रिसर्च ने क्या बताया (rare coffee in the world)
केरल की सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कोपी लुवाक पर केमिकल एनालिसिस किया है. शोध में पाया गया कि सिवेट द्वारा पचाई गई बीन्स आकार में बड़ी होती हैं और उनमें फैट कंटेंट ज्यादा होता है. इसके अलावा, इनमें मौजूद कुछ खास कंपाउंड कॉफी की खुशबू और फ्लेवर को बेहतर बनाते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक, सिवेट के पेट में होने वाली नेचुरल फर्मेंटेशन ही इस कॉफी के अनोखे स्वाद की असली वजह है. कोपी लुवाक कॉफी स्वाद और कीमत...दोनों के मामले में बेहद खास है. जानवर की बीट से गुजरकर बनने वाली यह कॉफी जितनी अनोखी है, उतनी ही दुर्लभ भी. यही वजह है कि यह आज भी दुनिया की सबसे महंगी और चर्चित कॉफी बनी हुई है.
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