पुलिस विभागों भी आजकल लोगों को खासकर युवाओं को जागरुक करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की मदद ले रही है. जिसमें मुंबई पुलिस और यूपी पुलिस तो अक्सर ही लोगों को जागरुक करने के लिए नए-नए पोस्ट शेयर करती रहती है. वहीं, अब इस मामले में पश्चिम बंगाल पुलिस (West Bengal Police) भी पीछे नहीं रही. अब पश्चिम बंगाल पुलिस ने भी अपने हालिया ट्वीट में बंगाल के इतिहास से जुड़ा एक दिलचस्प सवाल लोगों से पूछा है.
बंगाल ने भारत की स्वतंत्रता को प्राप्त करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई और इतिहास के पन्ने इसके सबसे बड़े गवाह हैं. 1905 में बंगाल के विभाजन के दौरान बंगभंगा आंदोलन शुरू करने से लेकर ब्रिटिश सामानों के बहिष्कार तक, बंगाल क्रांति का अग्रदूत था. वाक्य "बंगाल आज क्या सोचता है, भारत कल क्या सोचता है" अभी भी ब्रिटिश शासन के दौरान बंगाल की वैचारिक उन्नति का समृद्ध इतिहास रखता है.
पश्चिम बंगाल पुलिस विभाग ने शनिवार को एक ट्वीट शेयर कर लोगों से बंगाली में प्रकाशित होने वाले पहले समाचार पत्र का नाम (first newspaper published in Bengali) बताने को कहा है. ट्वीट में 4 विकल्प भी हैं- दिग्दर्शन, संवाद प्रभाकर, तत्त्वबोधिनी और समाचार दर्पण. वहीं, इस पोस्ट के वायरल होते ही इस पर लोग ढेरों कमेंट्स कर रहे हैं. लोग अपने जवाब के साथ कमेंट कर रहे हैं.
क्या आप भी इस सावल का जवाब ढूंढ रहे हैं? तो आइए एक नज़र डालतें हैं कि लोगों ने इस सावल का क्या जवाब दिया है...
आपको बता दें कि समचार दर्पण पहली बार 1818 में सेरामपुर में बैपटिस्ट मिशनरी सोसाइटी द्वारा प्रकाशित किया गया था. इसे भारतीय भाषा में प्रकाशित होने वाला पहला साप्ताहिक समाचार पत्र भी माना जाता है. केवल 4 आने में मिलने वाले इस पेपर ने यूरोप और भारत दोनों से समाचारों को प्रसारित किया. बाद में, 1829 से ये अखबार बंगाली और अंग्रेजी दोनों में छपने लगा.