रंग लाई माली की मेहनत, पूरे शबाब के साथ खिले नीलकुरिंजी, 12 साल में एक बार खिलता है ये खूबसूरत फूल

नीलकुरिंजी का फूल 12 साल में एक बार खिलता है और जब यह फूल खिलते हैं तो पूरा का पूरा पहाड़ नीले रंग से रंग जाता है.

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एक माली को, एक किसान को या फिर एक बागबां को क्या चाहिए...यही ना कि वो जिस जमीन पर मेहनत कर रहा है और जो फूल खिलाना चाहता है. वो पूरी खूबसूरती के साथ खिले और उसकी रंगत के साथ पूरी बगिया या पूरी वादियां ही खिलखिला उठे. एक बागबां ने इसी सोच के साथ पौधे लगाए और 12 साल बाद उसकी मेहनत पूरी शिद्दत के साथ रंग लाई. उसने जिस पौधे को बहुत प्यार से रोपा अब उन पर उसकी मेहनत खिलखिला रही है. उन पौधों पर बेहद खूबसूरत नीले रंग के फूल खिल उठे हैं, जिन्हें नीलकुरिंजी कहते हैं.

आईएएस ने शेयर किया वीडियो

तमिलनाडु के स्वास्थ्य विभाग की एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सुप्रिया साहू ने अपने अकाउंट से उन बेहद खूबसूरत फूलों का सुंदर वीडियो शेयर किया है. सुप्रिया साहू एनवायरमेंट, क्लाइमेट चेंज और वन विभाग की एसीएस भी रही हैं. सुप्रिया साहू ने अपने ट्विटर पर एक पोस्ट में दो फोटोज और एक वीडियो पोस्ट किया है. वीडियो में नीलकुरिंजी के सुंदर नीले फूल दिख रहे हैं. एक पिक में एक शख्स दिख रहा है, जिसके लिए सुप्रिया साहू ने अपने ट्वीट में लिखा कि, टोडा ट्राइबमैन कुट्टन नीलकुरिंजी के बीच में बहुत शान से बैठे हैं. नीलकुरिंजी के फूल 12 साल में एक बार खिलते हैं. अपने मेजिकल ब्लू कलर की वजह से इन्हें नीलकुरिंजी कहा जाता है. उन्होंने ये भी लिखा कि, IUCN ने इस थ्रेटन्ड स्पीशीज बताया है और इसके संरक्षण की सलाह दी है.

यहां देखें पोस्ट

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'स्वर्ग से सुंदर'

नीलकुरिंजी की खूबसूरती को देखकर सोशल मीडिया यूजर्स भी इंप्रेस हो गए हैं. एक यूजर ने लिखा कि, नेचर वाकई किसी जन्नत से कम नहीं है. शहर में रह कर हम ज्यादा अनसिविलाइज्ड और इन ह्यूमन हो गए हैं. कुछ यूजर्स ने फूल की खूबसूरती की तारीफ की है और उससे जुड़ी जानकारी शेयर करने पर सुप्रिया साहू का शुक्रिया भी अदा किया है.

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