जापानी सरकार (Japanese government) ने हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाया गया एक वीडियो जारी किया है जो यह दिखाता है कि माउंट फ़ूजी (Mount Fuji) में विस्फोट होने पर क्या होगा. वीडियो शेयर करते हुए कहा गया कि, "यह क्षण बिना किसी चेतावनी के आ सकता है."
टोक्यो मेट्रोपॉलिटन सरकार (Tokyo Metropolitan Government) द्वारा जारी किया गया यह वीडियो जागरूकता बढ़ाने और निवारक उपायों की जरूरत पर प्रकाश डालने के लिए है. वीडियो में दिखाया गया है कि ज्वालामुखी की राख विस्फोट के 1-2 घंटे के भीतर घनी आबादी वाले टोक्यो (Tokyo) में गिरनी शुरू हो जाएगी, जिससे 2-10 सेंटीमीटर राख जमा होने की उम्मीद है, और राजधानी के पश्चिमी हिस्से में 30 सेंटीमीटर तक राख हो सकती है.
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विस्फोट हुआ तो ये होगा नतीजा
वीडियो के अनुसार, रेल की पटरियों और रनवे पर राख के कारण ट्रेनें और विमान रुक जाएंगे. विजीबिलिटी कम होने और सड़कों पर फिसलन के कारण वाहन चलाना खतरनाक हो जाएगा. गीली राख के कारण बिजली की लाइनें बाधित होंगी, जिससे व्यापक बिजली कटौती होगी. फ़ोन और इंटरनेट सेवाएं भी बाधित होंगी.
ज्वालामुखी की राख स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है. लोगों को जलन और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, खासकर अस्थमा जैसी पहले से मौजूद बीमारियों से ग्रस्त लोगों को. दुकानों में खाने-पीने की चीज़ें जल्दी खत्म हो जाएंगी, और अधिकारी लोगों को कम से कम तीन दिनों के लिए ज़रूरी सामान जमा करने की सलाह दे सकते हैं. राख 30 सेंटीमीटर से ज़्यादा जमा होने पर ही लोगों को निकालने की सलाह दी जाती है, खासकर लकड़ी की इमारतों के पास जहां गिरने का खतरा हो.
देखें वीडियो
क्या बोले विशेषज्ञ
प्रोफ़ेसर किमिरो मेगुरो जैसे कुछ विशेषज्ञों ने इस सिमुलेशन को "अलार्मिस्ट" कहा है, और कहा है कि यह विशेष परिस्थितियों में सबसे खराब स्थिति को दर्शाता है. टोक्यो विश्वविद्यालय में आपदा न्यूनीकरण इंजीनियरिंग के प्रोफ़ेसर मेगुरो ने दिस वीक इन एशिया को बताया, "जो सिमुलेशन दिखाया जा रहा है वह केवल विशेष परिस्थितियों में ही घटित होगा और इसकी कोई उच्च संभावना वाली घटना नहीं है."
उन्होंने कहा, "यह एक सबसे बुरी स्थिति को दर्शाता है जो इस धारणा पर आधारित है कि माउंट फ़ूजी के फटने की स्थिति में क्या होगा. शायद ज्वालामुखियों के आपदा प्रबंधन के प्रभारी व्यक्ति को इस बात की चिंता थी कि उन पर जनता को पर्याप्त चेतावनी या जानकारी न देने का आरोप लगाया जाएगा."
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