इस गांव में 30 साल बाद हुआ किसी बच्चे का जन्म, इंसानों से ज्यादा हैं बिल्लियां, सच्चाई जानकर हैरान है दुनिया

पहाड़ों के बीच बसा एक गांव...खामोश गलियां, बंद घर और इंसानों से ज्यादा बिल्लियां. फिर अचानक, 30 साल बाद एक किलकारी गूंजी और सब कुछ बदल गया.

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जिस गांव में था सिर्फ बिल्लियों का राज...वहां 30 साल बाद पहली बार गूंजी किलकारी

Village where baby born in 30 days: इटली के अब्रूजो (Abruzzo) पर्वतमाला की ऊंचाइयों पर बसा एक छोटा सा गांव...पगलियारा देई मारसी (Pagliara dei Marsi). ऐसा गांव, जहां समय मानो ठहर गया था. पत्थर की गलियों में इंसानों की आवाजें नहीं, बल्कि बिल्लियों के पंजों की हल्की आहट सुनाई देती थी. दशकों से यहां कोई बच्चा पैदा नहीं हुआ था. स्कूल बंद थे, घर खाली थे और गांव सिर्फ बुज़ुर्गों की सांसों पर टिका हुआ था, फिर मार्च 2025 में कुछ ऐसा हुआ, जिसने इस गांव की पहचान ही बदल दी. 30 साल बाद यहां एक बच्ची ने जन्म लिया. एक साधारण-सा जन्म, लेकिन असाधारण असर के साथ.

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30 साल बाद गूंजी किलकारी (First Baby Born in 30 Years)

जब पगलियारा देई मारसी में बच्ची के रोने की आवाज गूंजी, तो गांव के बुजुर्गों की आंखें नम हो गईं. किसी ने सोचा भी नहीं था कि वे अपनी जिंदगी में दोबारा किसी नवजात की किलकारी सुन पाएंगे. इस बच्ची का नाम रखा गया...लारा बुस्सी त्राबुको (Lara Bussi Trabucco). लारा के जन्म के साथ ही गांव की आबादी बढ़कर करीब 20 हो गई. यह संख्या भले ही छोटी लगे, लेकिन इस गांव के लिए यह किसी 'चमत्कार' से कम नहीं थी.

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पूरा गांव बना परिवार (mysterious village Italy)

लारा का जन्म सिर्फ उसके माता-पिता 'चिंजिया त्राबुको और पाओलो बुस्सी' के लिए ही खुशी नहीं था. यह पूरे गांव का उत्सव बन गया. चर्च में हुए उसके बपतिस्मा समारोह में लगभग हर ग्रामीण मौजूद था, जो लोग सालों पहले गांव छोड़ चुके थे, वे भी लौट आए. दिलचस्प बात यह रही कि इस समारोह में गांव की मशहूर बिल्लियां भी मानो खास मेहमान बनकर पहुंचीं. Italy small village story और Pagliara dei Marsi जैसे सर्च ट्रेंड्स के बीच लारा की कहानी लोगों के दिलों तक पहुंचने लगी.

बिल्लियों का गांव और इंसानों की कमी (Village of Cats, Fading Human Voices)

पगलियारा देई मारसी लंबे समय से जनसंख्या घटने की समस्या से जूझ रहा था. युवा बेहतर नौकरी और सुविधाओं के लिए शहरों की ओर चले गए. गांव में न रोजगार था, न परिवहन की अच्छी सुविधा. नतीजा- खाली घर और बढ़ती उम्र की आबादी. यहां इंसानों से ज्यादा बिल्लियां थीं. वे बंद घरों में बेखौफ घूमती थीं, दीवारों पर धूप सेकती थीं, लेकिन लारा के जन्म ने इस सन्नाटे को तोड़ दिया. Italian demographic crisis अब इस छोटी बच्ची की कहानी से जुड़ गया.

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इटली का बड़ा संकट, छोटी उम्मीद (Pagliara dei Marsi story)

इटली इस वक्त गंभीर population crisis से गुजर रहा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में देश में सिर्फ 3,69,944 बच्चों का जन्म हुआ...अब तक का सबसे कम आंकड़ा. Fertility rate गिरकर प्रति महिला 1.18 रह गया है, जो यूरोपीय संघ में सबसे कम है. 2025 के शुरुआती महीनों में स्थिति और बिगड़ती दिखी, खासकर अब्रूजो क्षेत्र में. ऐसे में लारा का जन्म सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक संकेत बन गया कि उम्मीद अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है.

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इटली के गांव में 30 साल बाद बच्ची का जन्म (Italy me baby birth viral)

पगलियारा देई मारसी आज भी छोटा है, शांत है, लेकिन अब खामोश नहीं. एक बच्ची ने वहां फिर से जिंदगी की आहट लौटा दी है. लारा शायद इटली की जनसंख्या समस्या का हल नहीं है, लेकिन वह यह जरूर साबित करती है कि कभी-कभी सबसे छोटी किलकारी सबसे बड़ा बदलाव शुरू कर देती है.

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