Abdul Kalam Old Cheque Image: भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की आज भी मिसाल दी जाती है. 'मिसाइल मैन' कहे जाने वाले एपीजे अब्दुल कलाम बेहद सिद्धांतवादी व्यक्ति थे. यही वजह है कि, वे किसी का उपहार या उपकार स्वीकार करना सही नहीं समझते थे. हाल ही में सोशल मीडिया पर इस तरह की एक कहानी इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसे आईएएस अधिकारी एम वी राव ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है.
यहां देखें पोस्ट
12 अगस्त को शेयर किए गए इस ट्विटर पोस्ट में IAS एम वी राव ने लिखा है कि, 'क्या महान व्यक्ति है सार्वजनिक जीवन में नैतिकता. साल 2014 में एपीजे अब्दुल कलाम किसी इवेंट में बतौर मुख्य अतिथि गए थे, जिसकी स्पॉन्सर 'सौभाग्य वेट ग्राइंडर' नाम की एक कंपनी थी. कंपनी की ओर से फंक्शन खत्म होने के बाद डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को गिफ्ट के तौर पर एक ग्राइंडर दिया गया था, जिसे लेने से उन्होंने इनकार कर दिया था. काफी मिन्नत करने पर उन्होंने गिफ्ट ले तो लिया, लेकिन अगले ही दिन उन्होंने ग्राइंडर की कीमत जानने के लिए एक व्यक्ति को बाजार में भेजा और बाद में उन्होंने अपने व्यक्तिगत खाते से बाजार मूल्य का एक चेक बनाया और कंपनी को भेज दिया. जब कंपनी ने चेक डिपॉजिट नहीं करने का फैसला लिया, तब कंपनी को मैसेज भिजवाया गया कि वो जल्द से जल्द चेक डिपॉजिट करें, वरना ग्राइंडर को वापस भिजवा दिया जाएगा, तब जाकर चेक जमा किया गया, इसके बाद उस चेक की एक फोटो कॉपी निकलवाकर उसे फ्रेम करके कंपनी में डिस्प्ले के लिए लगा दिया गया.'
इस पोस्ट को अब तक 301.5K व्यूज मिल चुके हैं, जबकि 4 हजार से ज्यादा लोग इस पोस्ट को लाइक कर चुके हैं. पोस्ट को देख चुके लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, 'ऐसी सादगी कहां.' दूसरे यूजर ने लिखा, 'यूं ही नहीं दुनिया किसी की मिसाल देती है.'
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