Chinese Teenagers Study Till 10 PM At High School: चीन के चांग्शा (Changsha) शहर से सामने आया एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि रात के करीब 10:15 बजे एक नामी हाई स्कूल के बाहर सड़क पर दर्जनों गाड़ियां खड़ी हैं. पहली नजर में ऐसा लगता है मानो किसी नाइटलाइफ हॉटस्पॉट की बात हो रही हो, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. ये गाड़ियां उन माता-पिता की हैं, जो अपने बच्चों को स्कूल से लेने आए हैं. बच्चे कोई एक्स्ट्रा क्लास नहीं, बल्कि रोज की नियमित पढ़ाई खत्म करके बाहर निकल रहे हैं. वजह है चीन की सबसे कठिन और अहम परीक्षा...Gaokao.
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सुबह 7 से रात 10:15 तक पढ़ाई (Long Study Hours for Gaokao Preparation)
वीडियो शेयर करने वाले इंस्टाग्राम व्लॉगर एलन फू (Allen Fu) बताते हैं कि इस स्कूल में छात्रों की क्लास सुबह 7 बजे शुरू होती है और रात 10:15 बजे तक चलती है. कई छात्र तो दोपहर के लंच ब्रेक में भी स्कूल में ही सोते हैं, ताकि समय बर्बाद न हो और पढ़ाई जारी रख सकें. एलन फू के मुताबिक, 'चीन में हाई स्कूल के छात्रों के लिए ये सामान्य बात है. सब कुछ एक ही परीक्षा के लिए होता है...Gaokao, जो उनके पूरे भविष्य का फैसला कर सकती है.'
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क्या है Gaokao परीक्षा? (What Is Gaokao Exam in China)
Gaokao Exam चीन की राष्ट्रीय कॉलेज प्रवेश परीक्षा है, जिसे हाई स्कूल के आखिरी साल में छात्र देते हैं. ये परीक्षा आमतौर पर जून में होती है और 3 से 4 दिन तक चलती है. खास बात ये है कि चीन में यूनिवर्सिटी एडमिशन का मुख्य और लगभग एकमात्र आधार यही परीक्षा होती है. Gaokao का सिलेबस प्रांत के हिसाब से थोड़ा अलग हो सकता है, लेकिन मुख्य विषय होते हैं.
- चीनी भाषा (Chinese Literature).
- गणित (Mathematics).
- एक विदेशी भाषा (Foreign Language).
- साइंस स्ट्रीम के छात्रों के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी, जबकि आर्ट्स स्ट्रीम के लिए हिस्ट्री, पॉलिटिक्स और जियोग्राफी के पेपर होते हैं.
एक स्कोर, पूरा भविष्य (student life in China)
Gaokao से पहले छात्रों को अपनी पसंदीदा यूनिवर्सिटीज की लिस्ट भरनी होती है. हर कॉलेज का एक न्यूनतम कट-ऑफ स्कोर होता है, जो प्रांत के हिसाब से बदलता है. अगर छात्र उस स्कोर को हासिल कर लेते हैं, तभी उन्हें एडमिशन मिलता है. यानी एक परीक्षा, एक स्कोर और उसी पर तय होता है कि छात्र किस कॉलेज में जाएगा या जाएगा भी या नहीं. यही वजह है कि China education system pressure दुनियाभर में चर्चा का विषय बनता रहा है.
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मेहनत या मानसिक थकान? (China education system)
वीडियो में एलन फू तारीफ भी करते हैं और सवाल भी उठाते हैं. उनके शब्दों में, 'वर्क एथिक और कमिटमेंट काबिल-ए-तारीफ है, लेकिन कीमत क्या है? क्या सफलता के लिए आजादी छोड़ना सही है? ambition कब exhaustion बन जाती है?' सोशल मीडिया पर लोग दो हिस्सों में बंटे नजर आए. कुछ ने इसे अनुशासन और मेहनत की मिसाल बताया, तो कुछ ने छात्रों की mental health, नींद की कमी और बचपन छिन जाने पर चिंता जताई. चीन का Gaokao सिस्टम लाखों छात्रों के सपनों का दरवाजा है, लेकिन उसी के साथ भारी दबाव भी लाता है. मेहनत और अनुशासन जरूरी हैं, लेकिन संतुलन भी उतना ही अहम है. सवाल यही है...भविष्य को बेहतर बनाने की दौड़ में, कहीं वर्तमान तो पीछे नहीं छूट रहा?
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