कनाडा में जस्टिन ट्रूडो के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद सत्ताधारी लिबरल पार्टी में नया लीडर चुनने का काम शुरू हो गया है. बुधवार को इसे लेकर एक मीटिंग बुलाई गई थी. इस बीच PM की रेस में भारतीय मूल के कनाडाई हिंदू नेता चंद्रा आर्या भी शामिल हो गए हैं. कनाडाई सांसद चंद्रा आर्या पहले जस्टिन ट्रूडो के खास माने जाते थे, लेकिन खालिस्तानी आंतकवाद और चरमपंथ को लेकर ट्रूडो के रुख के बाद आर्या उनके धुर विरोधी बन गए. गुरुवार को उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अपनी उम्मीदवारी का ऐलान किया.
चंद्रा आर्या ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा है. उन्होंने लिखा- "मैं कनाडा का अगला प्रधानमंत्री बनने के लिए चुनाव लड़ रहा हूं. हमारे देश के पुनर्निर्माण और भावी पीढ़ियों की समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए एक छोटी, ज्यादा कुशल सरकार का नेतृत्व करने के इरादे से मैंने ये फैसला लिया है. हम अभी कई संरचनात्मक समस्याओं का सामना कर रहे हैं. पीढ़ियों से ऐसी समस्याएं नहीं देखी गईं. उनका निपटारा करना बड़ी चुनौती है. इसके लिए कठोर विकल्पों की जरूरत होगी."
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आर्या ने लिखा, "मैंने हमेशा कनाडावासियों के लिए सबसे अच्छा काम करने के लिए कड़ी मेहनत की है. हमारे बच्चों और नाती-नातिनों की खातिर, हमें ऐसे साहसिक निर्णय लेने चाहिए जो बिल्कुल जरूरी हों. अगर मुझे लिबरल पार्टी का अगला नेता चुना जाता है, तो मैं ऐसा करने के लिए अपना ज्ञान और विशेषज्ञता मुहैया कराऊंगा."
उन्होंने आगे कहा, "कई कनाडाई, विशेष रूप से युवा पीढ़ी, महत्वपूर्ण सामर्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. कामकाजी मध्यम वर्ग आज संघर्ष कर रहा है. कई कामकाजी परिवार सीधे गरीबी में जा रहे हैं. कनाडा ऐसे नेतृत्व का हकदार है जो बड़े फैसले लेने से नहीं डरता. ऐसे फैसले जो हमारी अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण करें, आशा को बहाल करें, सभी कनाडाई लोगों के लिए समान अवसर पैदा करें. विवेक और व्यावहारिकता को अपने मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में अपनाते हुए, मैं इस जिम्मेदारी को लेने और कनाडा के अगले प्रधानमंत्री के रूप में नेतृत्व करने के लिए आगे बढ़ रहा हूं."
चंद्रा आर्या ने कनाडावासियों से कहा, "आइए... इस यात्रा में मेरे साथ शामिल हों. आइए हम मिलकर भविष्य का पुनर्निर्माण करें. इसे पुनर्जीवित करें और सुरक्षित करें. सभी कनाडाई लोगों के लिए, आने वाली पीढ़ियों के लिए ऐसा करना जरूरी है."
चंद्रा आर्या ने ज्यादा डिटेल के लिए उनकी वेबसाइट http://AryaCanada.ca पर क्लिक करने को कहा है, ये गुरुवार से शुरू हो गई है.
कर्नाटक के मूल निवासी हैं चंद्रा आर्या
रिपोर्ट के मुताबिक, चंद्रा आर्या मूल रूप से कर्नाटक के तुमकुरु के सिरा तालुक के निवासी हैं. वह 2006 में कनाडा जाकर बस गए थे. उनके लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक, आर्या ने धारवाड़ के कौसली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से MBA किया है. 2015 में उन्होंने पहली दफा फेडरल इलेक्शन लड़ा था. चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. 2019 में वह दूसरी बार सांसद बने. आर्या अक्सर खालिस्तानी और चरमपंथी गतिविधियों की आलोचना करते रहे हैं.
जस्टिन ट्रूडो ने 6 जनवरी को दिया था इस्तीफा
जस्टिन ट्रूडो ने अपनी पार्टी के नेताओं के बढ़ते दबाव के बाद सोमवार (6 जनवरी) को कनाडा के PM पद से इस्तीफा दे दिया था. भारत विरोधी बयानों और अघोषित एंटी इंडिया कैंपेन को लेकर ट्रूडो अपने घर और अपनी पार्टी में ही घिरते जा रहे थे. कनाडा की सत्ताधारी लिबरल पार्टी (Liberal Party) के कई नेता सार्वजनिक तौर पर खुलकर उनके खिलाफ बयान दे रहे थे. उनकी नीतियों को लेकर आवाज उठाई जा रही थी. ट्रूडो पर आरोप है कि वो खालिस्तान मुद्दे को लेकर भारत के खिलाफ आरोप लगाकर अपनी सरकार की नाकामी छिपाने की कोशिश कर रहे हैं.
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PM की रेस में और कौन-कौन?
- चंद्रा आर्या के साथ ही कनाडा के PM की रेस में भारतीय मूल की सांसद अनीता आनंद का नाम चल रहा है. अगर वह PM बनीं, तो इस पद पर पहुंचने वाली देश की दूसरी महिला होंगी. अनीता अभी लिबरल पार्टी की सरकार में ट्रांसपोर्ट और इंटर्नल बिजनेस मिनिस्टर हैं.
-PM की रेस में क्रिस्टीया फ्रीलैंड का नाम भी चर्चा में है. हाल ही में उन्होंने डिप्टी PM और फाइनेंस मिनिस्टर के पद से इस्तीफा दिया था.
-ट्रूडो के भरोसेमंद और मौजूदा फाइनेंस मिनिस्टर डोमिनिक लेब्लांक का नाम भी इस रेस में शामिल है.
-इकोनॉमिस्ट और बैंकर मार्क जोसेफ कार्नी का नाम भी इस रेस में चल रहा है. वह अभी लिबरल सरकार में आर्थिक सलाहाकार हैं.
कनाडा में किसके पास कितनी सीटें?
कनाडा की संसद हाउस ऑफ कॉमन्स (लोकसभा) में 338 सीटें है. हुमत का आंकड़ा 170 है. लिबरल पार्टी के 153 सांसद हैं. पिछले साल खालिस्तानी समर्थक कनाडाई सिख सांसद जगमीत सिंह की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने ट्रूडो सरकार से अपने 25 सांसदों का समर्थन वापस ले लिया था.
NDP से गठबंधन टूटने की वजह से ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ गई थी. हालांकि, 1 अक्टूबर को हुए फ्लोर टेस्ट में ट्रूडो की लिबरल पार्टी को एक दूसरी पार्टी का समर्थन मिल गया था. ट्रूडो की विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के पास 120 सीटें हैं
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