Turkey Earthquake: भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल ने तुर्की में बचाई कइयों की जान, NDRF भी बने 'देवदूत'

तुर्की के हताय प्रांत में भारतीय सेना के इस फील्ड अस्पताल में चिकित्सा, सर्जरी, आपातकालीन वार्ड के साथ-साथ एक्स रे लैब और मेडिकल स्टोर हैं. सेना की टीम 24x7 काम कर प्रभावित लोगों को राहत मुहैया करा रही है.

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एनडीआरएफ की टीम हाल ही में भारत लौटी है.
अंकारा:

तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप (Turkey Earthquake) के बाद रेस्क्यू के लिए भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त' के तहत एनडीआरएफ की टीम भेजी थी. इस टीम ने तुर्की में बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. इस दौरान भारतीय रेस्क्यू टीम ने देवदूत बनकर हजारों लोगों की मदद की और जान बचाई. एनडीआरएफ की टीम हाल ही में भारत लौटी है.

इस प्राकृतिक आपदा से अब तक 40 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. घायलों का आंकड़ा 70 हजार के पार जा पहुंच चुका है. तुर्की को विनाशकारी भूकंप से राहत देने के लिए कई देश सामने आए थे. जिसमें भारत भी शामिल रहा. भारतीय सेना ने हताय प्रांत में फील्ड हॉस्पिटल तैयार किया था. जहां 3600 से अधिक भूकंप पीड़ितों का इलाज हो रहा है.

इस फील्ड हॉस्पिटल की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर सराहना हुई है. हताय के इस फील्ड हॉस्पिटल ने घायलों को इमरजेंसी मेडिकल सर्विसेस मुहैया कराई है. फ्रैक्चर को ठीक करने के लिए 04x बड़ी सर्जरी, 63x छोटी सर्जरी, 87x POP एप्लीकेशन सहित 343 छोटी प्रक्रियाएं की है.

भारतीय सेना के इस फील्ड अस्पताल में चिकित्सा, सर्जरी, आपातकालीन वार्ड के साथ-साथ एक्स रे लैब और मेडिकल स्टोर हैं. सेना की टीम 24x7 काम कर प्रभावित लोगों को राहत मुहैया करा रही है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इससे पहले भारत के राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दलों द्वारा तुर्की के गंजीयातेप में खोज अभियान शुरू करने की तस्वीरें साझा की थीं. 

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने वायुसेना के पांच सी-17 विमानों से 250 से ज्यादा कर्मियों, विशेष उपकरण और अन्य सामग्री तुर्किये भेजी है जिसका कुल वजन 135 टन से ज्यादा है. भातरीय सेना ने बीते गुरुवार को ट्विटर पर एक तस्वीर साझा की जिसमें एक महिला फील्ड अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात सेना के एक कर्मी को गले लगा रही है. इस बीच, भारत में सीरियाई दूतावास ने एक अपील जारी कर मदद मांगी है.

बचाव कार्य के लिए तुर्की गई भारतीयों की टीम में डॉग स्क्वाड भी है. इनमें जूली-रोमियो-हनी और रैंबो नाम के डॉग्स शामिल हैं, जो लैब्राडोर नस्ल के हैं और विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं. ये आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों के दौरान सूंघने और अन्य महत्वपूर्ण कौशल में विशेषज्ञ हैं.

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