तालिबान (Taliban) के तीन सूत्रों ने कहा कि इस्लामिक मिलिशिया ने शुक्रवार को काबुल के उत्तर में पंजशीर (Panjshir) घाटी पर कब्जा कर लिया. पंजशीर अफगानिस्तान (Afghanistan) का आखिरी हिस्सा है जो तालिबान की खिलाफत में खड़ा था. एक तालिबान कमांडर ने कहा, "सर्वशक्तिमान अल्लाह की कृपा से, हम पूरे अफगानिस्तान को नियंत्रण में ले चुके हैं. संकट पैदा करने वालों को हरा दिया गया है और पंजशीर अब हमारे अधीन है." रिपोर्टों की पुष्टि अभी नहीं हो सकी है.
उधर, विद्रोही लड़ाकों ने तालिबान के इस दावे का खंडन किया है. विपक्षी ताकतों के नेताओं में से एक, पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने टेलीविजन स्टेशन टोलो न्यूज को बताया कि उनके देश छोड़कर भाग जाने की खबरें झूठ थीं. सालेह ने उनके द्वारा भेजी गई वीडियो क्लिप पर कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम एक मुश्किल स्थिति में हैं. हम तालिबानी आक्रमण के मध्य में हैं... हम पकड़ बनाए हुए हैं, हमने विरोध किया है."
उन्होंने यह भी ट्वीट किया: "प्रतिरोध जारी है और जारी रहेगा. मैं यहां अपनी मिट्टी के साथ, अपनी मिट्टी के लिए और इसकी गरिमा की रक्षा के लिए हमेशा खड़ा हूं."
उनके बेटे, इबादुल्ला सालेह ने इस बात से इनकार किया कि पंजशीर पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है.
विद्रोही गुट के कई अन्य नेताओं ने भी पंजशीर पर तालिबान के कब्जे की रिपोर्टों को खारिज कर दिया है, जहां क्षेत्रीय मिलिशिया के हजारों लड़ाके और पुरानी सरकार की सेना के लड़ाके अब भी मौजूद हैं.
इससे पहले खबरें आई थीं कि पंजशीर में भीषण युद्ध छिड़ा हुआ है. लड़ाई में कई लोगों के मारे जाने की खबरें भी साने आई थी. पंजशीर एक ऊबड़-खाबड़ घाटी है जहां क्षेत्रीय मिलिशिया के कई हजार लड़ाके अब भी मौजूद हैं. बता दें कि अफगानिस्तान में तेजी से आगे बढ़ने के बाद तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा कर लिया था.
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