- ईरान की राजधानी तेहरान समेत 10 विश्वविद्यालयों में छात्रों ने आर्थिक संकट के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किए.
- डॉलर के मुकाबले ईरानी मुद्रा रियाल की गिरावट से आयात महंगा हुआ और खुदरा व्यापार प्रभावित हुए हैं.
- राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने श्रमिक नेताओं से मुलाकात की. साथ ही प्रदर्शनकारियों से बातचीत का निर्देश दिया.
ईरान की राजधानी तेहरान में मंगलवार को छात्रों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. दुकानदारों द्वारा आर्थिक परेशानियों के खिलाफ प्रदर्शन के एक दिन बाद बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर उतरे. ईरान के श्रमिक आंदोलन से जुड़ी समाचार एजेंसी इल्ना के अनुसार, देश भर के 10 विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन हुए, जिनमें तेहरान की सात यूनिवर्सिटी शामिल हैं, जिन्हें देश के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में गिना जाता है.
इल्ना और सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार, मध्य शहर इस्फहान के टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के साथ ही यज्द और जंजन जैसे शहरों के संस्थानों में भी विरोध प्रदर्शन हुए. तेहरान के प्रमुख चौराहों और कुछ विश्वविद्यालयों के आसपास सुरक्षा बलों और पुलिस को तैनात किया गया था, जबकि राजधानी के केंद्र में पिछले दिन बंद कुछ दुकानें फिर से खुल गईं.
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डॉलर के मुकाबले रियाल में भारी गिरावट
सोमवार को मध्य तेहरान में दुकानदारों ने विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद अब छात्रों ने विरोध प्रदर्शनों के बाद किया है. राजधानी और अधिकांश प्रांतों में भीषण ठंड के दौरान ऊर्जा बचाने के लिए बैंकों, स्कूलों और व्यवसायों के अस्थायी रूप से बंद होने से ठीक एक दिन पहले छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया.
ईरान की मुद्रा रियाल डॉलर और अन्य वैश्विक मुद्राओं के मुकाबले गिर गई है. रविवार को जब प्रदर्शन शुरू हुए, तब अमेरिकी डॉलर करीब 1.42 मिलियन रियाल पर कारोबार कर रहा था, जबकि एक साल पहले यह 8,20,000 रियाल था - जिससे आयात कीमतें बढ़ गईं और खुदरा व्यापारियों को नुकसान हुआ है.
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प्रदर्शन रविवार को शहर के सबसे बड़े मोबाइल फोन बाजार में शुरू हुए और बाद में उन्होंने जोर पकड़ा. हालांकि प्रदर्शनकारियों की संख्या सीमित रही और वे मध्य तेहरान तक ही सीमित रहे. अन्य जगहों पर अधिकांश दुकानें सामान्य रूप से चलती रहीं.
श्रमिक नेताओं से राष्ट्रपति ने की मुलाकात
प्रेस एजेंसी मेहर के अनुसार, राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने मंगलवार को श्रमिक नेताओं से मुलाकात की और आर्थिक संकट से निपटने के लिए प्रस्ताव रखे.
सरकारी टेलीविजन के अनुसार, संसद के स्पीकर मोहम्मद बगेर गालिबफ ने “लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने पर केंद्रित आवश्यक उपायों” का आह्वान किया, लेकिन विदेशी एजेंटों और सरकार विरोधियों द्वारा विरोध प्रदर्शनों का फायदा उठाने के प्रयासों के खिलाफ चेतावनी भी दी.
सोमवार को सरकार ने केंद्रीय बैंक के गवर्नर की जगह पूर्व वित्त मंत्री अब्दोलनासेर हेम्मती को नियुक्त करने की घोषणा की.
बुरी तरह प्रभावित ईरान की अर्थव्यवस्था
ईरान में कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण कुछ आयातित वस्तुओं की बिक्री ठप हो गई है. विक्रेता और खरीदार दोनों ही स्थिति साफ होने तक लेन-देन से बच रहे हैं. एतेमाद अखबार के अनुसार, एक व्यापारी ने शिकायत की कि अधिकारियों ने आयात लागत में भारी इजाफे से परेशान दुकानदारों को कोई सहायता नहीं दी है.
साथ ही नाम न छापने की शर्त पर कहा, “उन्होंने इस बात पर कोई गौर नहीं किया कि डॉलर की कीमत ने हमारे जीवन को कैसे प्रभावित किया है.”
दशकों से पश्चिमी प्रतिबंधों का सामना कर रही देश की अर्थव्यवस्था पर सितंबर के अंत में संयुक्त राष्ट्र द्वारा देश के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े उन अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को फिर से लागू करने के बाद दबाव और बढ़ गया, जिन्हें दस साल पहले हटा लिया गया था.
ईरान पर पश्चिमी शक्तियां और इजरायल परमाणु हथियार हासिल करने की कोशिश करने का आरोप लगाते रहे हैं, हालांकि ईरान इन आरोपों को नकारता रहा है.
ईरान में 2022 में हुए थे जबरदस्त विरोध प्रदर्शन
हालांकि मौजूदा विरोध प्रदर्शन 2022 में ईरान को हिला देने वाले राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों के स्तर तक नहीं पहुंचे हैं. उस वक्त विरोध प्रदर्शन 22 साल की महसा अमिनी की हिरासत में हुई मौत के बाद भड़क उठे थे, जिन्हें कथित तौर पर देश के महिला ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
अमिनी की मौत के बाद महीनों तक अशांति रही, जिसमें दर्जनों सुरक्षाकर्मियों सहित सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों अन्य को गिरफ्तार किया गया.
वहीं 2019 में पेट्रोल की कीमतों में भारी वृद्धि की घोषणा के बाद ईरान में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे. उस वक्त यह विरोध प्रदर्शन तेहरान सहित देश के करीब 100 शहरों में फैल गए थे और जिसमें दर्जनों लोग मारे गए थे.














