कीव/मॉस्को. रूस और यूक्रेन के बीच 2 साल से ज्यादा वक्त से चली आ रही जंग अब खतरनाक मोड़ पर आ पहुंची है. रूस ने गुरुवार को 188 मिसाइल्स और ड्रोन से यूक्रेन के एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमला किया. इससे देश में ऊर्जा के करीब सभी सोर्सेस तबाह हो गए हैं. न्यूज एजेंसी AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, इस समय यूक्रेन में करीब 10 लाख लोगों को बिना बिजली के गुजारा करना पड़ रहा है. बता दें कि अभी यूरोप में भयंकर ठंड पड़ती है. यूक्रेन में पारा 0 डिग्री से नीचे पहुंच जाता है. ऐसे में बिना बिजली के लोगों को कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को यूक्रेन की राजधानी कीव में बड़े पावर सेंटरों पर नई हाइपरसोनिक मिसाइल से हमला करने की धमकी दी है. AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेनी ऊर्जा मंत्री हरमन हालुशेंको ने कहा, "यूक्रेन में एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर पर अटैक हो रहे हैं. इस वजह से नेशनल पावर ग्रिड के ऑपरेटर ने इमरजेंसी बिजली कटौती शुरू कर दी है. कीव, ओडेसा, निप्रो और डोनेट्स्क में बिजली सप्लाई में मुश्किल हो रही है."
कई बार एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर को टारगेट कर चुका रूस
रूस ने 24 फरवरी 2022 को जंग की शुरुआत के बाद से कई बार यूक्रेन के एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर को टारगेट किया है. इस वजह से बार-बार देश भर में रोलिंग ब्लैकआउट की स्थिति हो चुकी है.
अब ड्रोन की जगह मिसाइल से कर रहा हमले
रूस सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर को ही टारगेट नहीं कर रहा, बल्कि शहरों पर मिसाइल अटैक भी कर रहा है. रूस अब ड्रोन की जगह आए दिन मिसाइल से हमले कर रहा है. हालांकि, यूक्रेनी मिलिट्री का दावा है कि उन्होंने रूस के सभी मिसाइल और ड्रोन अटैक को नाकाम कर दिया है.
निप्रो शहर पर दागे थे हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल
कुछ दिन पहले ही रूस ने पहली बार यूक्रेन के निप्रो शहर पर हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल से हमला किया है. वहीं, यूक्रेन ने रूस पर पश्चिमी देशों से मिले खतरनाक हथियार दागे हैं. अब पुतिन की दोबारा धमकी से यूक्रेन अलर्ट हो गया है. यूक्रेनी नेवी का कहना है कि रूस की नेवी ने ब्लैक सी में कॉम्बैट ड्यूटी के लिए 4 कैलिबर कैरियर शिप को तैनात किया है, जिनमें 22 मिसाइल्स हैं.
इस बीच ब्रिटेन ने यूक्रेन को शैडो मिसाइलों की नई खेप भेजी
इस बीच ब्रिटेन ने यूक्रेन को स्टॉर्म शैडो मिसाइलों की नई खेप भेजी है. स्टॉर्म शैडो की रेंज 250 किमी से ज्यादा है. इसका इस्तेमाल 2000 के दशक की शुरुआत से किया जा रहा है. ब्रिटेन और फ्रांस ने मिलकर इस हथियार को विकसित किया है. इसके फ्रांसीसी संस्करण को 'स्कैल्प' के नाम से जाना जाता है.
बता दें कि अमेरिका ने 18 नवंबर को यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल- आर्मी टेक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) इस्तेमाल करने की इजाजत दी थी. इसके बाद ब्रिटेन ने भी यूक्रेन को शैडो स्टॉर्म मिसाइलों के इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी थी.