पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की सिफ़ारिश पर नेशनल असेंबली को किया भंग

पाकिस्तान के पीएम के सिफारिश के बाद राष्ट्रपति ने संसद को भंग कर दिया गया है. नेशनल असेंबली को 5 साल का कार्यकाल पूरा होने से 3 दिन पहले ही भंग कर दिया गया है.

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने निवर्तमान प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर बुधवार को नेशनल असेंबली को भंग कर दिया, जिससे वर्तमान सरकार का कार्यकाल समाप्त हो गया और अगले आम चुनाव का मार्ग प्रशस्त हो गया. पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शरीफ ने बुधवार को राष्ट्रपति अल्वी को पत्र लिखा और नेशनल असेंबली को उसके पांच साल के संवैधानिक कार्यकाल की समाप्ति से तीन दिन पहले भंग करने की मांग की थी.

डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने निवर्तमान प्रधान मंत्री शरीफ की सलाह पर बुधवार आधी रात को नेशनल असेंबली को भंग कर दिया. निचले सदन के भंग होने के साथ ही मौजूदा सरकार का कार्यकाल भी समय से पहले खत्म हो जाएगा. बाद में, संसदीय कार्य मंत्री मुर्तजा जावेद अब्बासी ने एक बयान में कहा कि "निर्वाचित सरकार ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है" और उनके मंत्रालय ने संविधान के अनुच्छेद 58 के तहत संसद को भंग करने के लिए सिफारिश प्रधानमंत्री को भेज दिया था.

पाकिस्तान में नेशनल असेंबली भंग करने का प्रोसेस क्या है?
पाकिस्तान के संविधान के आर्टिकल 52 के तहत सरकार के पांच साल पूरे होने पर नेशनल असेंबली को भंग करना होता है. इसे साधारण भाषा में चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत मान सकते हैं. वहीं, आर्टिकल 58 के अनुसार, अगर राष्ट्रपति पीएम की सिफारिश पर 48 घंटों के भीतर असेंबली भंग नहीं करते, तो इसे अपने आप भंग मान लिया जाता है. भंग होने के बाद नेशनल असेंबली सचिवालय नोटिफिकेशन जारी करता है. इसके बाद मौजूदा सरकार की विदाई हो जाती है और एक केयरटेकर सरकार को सत्ता ट्रांसफर की जाती है. 

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