पाकिस्‍तान में CPEC प्रोजेक्‍ट की सुस्‍त रफ्तार से चीन नाराज़, स्थायी समिति ने दिए काम में तेज़ी के निर्देश

समिति के चेयरमैन सलीम मांडवीवाला ने गुरुवार को कहा, 'मेरे निजी सूत्रों के अनुसार, CPEC प्रोजेक्‍ट की मौजूदा प्रगति से चीन खुश नहीं है. उन्‍होंने इस राह में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए मुझसे संपर्क किया है.

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प्रतीकात्‍मक फोटो
इस्‍लामाबाद:

पाकिस्‍तान की सीनेट की स्‍थायी समिति (Planning, Development, and Special Initiatives)ने चाइना-पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कारिडोर (CPEC) अथॉरिटी को चीनी कंपनियों का विश्‍वास हासिल करते हुए निर्माणाधीन प्रोजक्‍ट के काम को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए है. समिति के चेयरमैन सलीम मांडवीवाला ने गुरुवार को कहा, 'मेरे निजी सूत्रों के अनुसार,  CPEC प्रोजेक्‍ट की मौजूदा प्रगति से चीन खुश नहीं है. उन्‍होंने इस राह में आ रही अड़चनों को दूर करने के लिए मुझसे संपर्क किया है.  पाकिस्‍तानी अखबार द न्‍यूज की  रिपोर्ट के अनुसार, 'चेयरमैन ने  CPEC मामलों को लेकर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक खालिद मंसूर से निर्माणाधीन प्रोजेक्‍ट को जल्‍द पूरा करने और ML-1 रेलवे प्रोजेक्‍ट केअपग्रेडशन और हाइड्रो पावर प्रोजेक्‍ट सहित विभिन्‍न विचाराधीन प्रोजेक्‍ट की राह की बाधाओं को दूर करने की जिम्‍मेदारी लेने को कहा है. 

खालिद मंसूर ने कहा, 'मेरे लिए पहली प्राथमिकता चीन का विश्‍वास हासिल करना है.' उन्‍होंने बताया कि इस संबंध में उन्‍होंने पाकिस्‍तान में काम कर रही चीन की 135 कंपनियों में से 40 के प्रतिनिधियों से निजी तौर पर मुलाकात की है. उन्‍होंने कहा, 'मैं प्रोजेक्‍ट्स के क्रियान्‍वयन की जिम्‍मेदारी लूंगा और CPEC परियोजनाओं को पूरा करने करने के लिए सभी संबंधित मंत्रियों और विभागों से मिलूंगा. ' मांडवीवाला ने कहा है कि सरकारी विभाग बेहद सुस्‍त हैं और कार्यान्‍वयन प्रक्रिया को गति देने के लिए उन्‍हें आगे बढ़ाने की जरूरत है.

योजना, विकास और विशेष पहल मामलों के मंत्री असद उमर ने  CPEC के संबंध में बलूचिस्‍तान की उपेक्षा की सीनेटर दानिश कुमार की शिकायत को लेकर कहा कि CPEC की पहले फेज में दो तिहाई प्रोजेक्‍ट पावर सेक्‍टर से संबंधित थे जिनका स्‍थानीय क्षेत्र पर बेहद कम प्रभाव है. उन्‍होंने कहा कि प्रांत खासकर ग्‍वादर एरिया में विलवणीकरण प्‍लांट (desalination plants), टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्‍टीट्यूट और ईस्‍टवे एक्‍सप्रेसवे सहित काफी विकास कार्य चल रहा है. CPEC के तहत इन प्रोजेक्‍ट के अलावा कम विकसित दक्षिणबलूचिस्‍तान के जिलो में 560 अरब रुपये के विशेष ऐतिहासिक पैकेज का ऐलान किया गया है जिसके तहत आईटी पार्क, इंडस्ट्रियल जोन्‍स, पावर प्‍लांट्स, डेम और रोड प्रोजेक्‍ट का काम हाथ में लिया जाएगा. 

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