Pakistan Crisis Live Updates: पाकिस्तान (Pakistan) में विपक्ष के नेता और संभावित प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को विपक्ष ने नेशनल असेंबली में अपना संयुक्त नेता चुना है. इस पर शहबाज शरीफ ने ट्वीट कर मीडिया, नागरिक समाज, वकीलों, अपने बड़े भाई नवाज शरीफ, आसिफ जरदारी, मौलाना फजल-उर-रहमान, बिलावल भुट्टो, खालिद मकबूल, खालिद मगसी, मोसिन डावर, अली वजीर, अमीर हैदर होती और सभी राजनीतिक नेताओं और कार्यकर्ताओं को संविधान के लिए खड़े होने पर विशेष धन्यवाद दिया है. उधर, इमरान खान की पार्टी PTI ने शाह महमूद कुरैशी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है.
माना जा रहा है कि नेशनल असेंबली में शहबाज शरीफ को कल देश का अगला वज़ीर-ए-आज़म चुना जाएगा. इस बीच नेशनल असेंबली के इस अहम सत्र की अध्यक्षता कर रहे पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अयाज सादिक ने प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाकर शाम 4 बजे तक कर दी है. मुल्क के नए प्रधानमंत्री को चुनने के लिए सदन की अगली बैठक 11 अप्रैल को दोपहर दो बजे शुरू होगी.
उधर, नेशनल असेंबली (National Assembly) में अविश्वास प्रस्ताव हार चुके इमरान खान (Imran Khan) के देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है. इस्लामाबाद हाईकोर्ट में इमरान खान के खिलाफ याचिका भी दायर की गई है. इमरान के अलावा फवाद चौधरी और शाह महमूद के खिलाफ भी याचिका दायर की गई है. तीनों का नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) लिस्ट में डाले जाने की मांग की गई है. याचिका पर 11 अप्रैल को हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.
खान के प्रधानमंत्री पद से हटते ही उनके करीबियों पर कार्रवाई भी शुरू हो गई है. अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद खान के पार्टी प्रवक्ता डॉ. अर्सलान खालिद के घर पर रात में ही छापेमारी की गई है. इस दौरान उनके घरवालों के फोन छीन लिए गए. इमरान खान की पार्टी ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है.
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इमरान खान देश के इतिहास में ऐसे पहले प्रधानमंत्री बन गए, जिन्हें अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया गया है. अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के समय 69 वर्षीय खान निचले सदन में उपस्थित नहीं थे और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों ने भी वोटिंग से वॉकआउट किया.
शनिवार को पूरे दिन में पल-पल बदलते घटनाक्रम के बाद देर रात को शुरू हुए मतदान के नतीजे में संयुक्त विपक्ष को 342-सदस्यीय नेशनल असेंबली में 174 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जो प्रधानमंत्री को अपदस्थ करने के लिए आवश्यक बहुमत 172 से अधिक रहा. गौरतलब है कि 1947 से आज तक किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है.