नई दिल्ली. यूक्रेन पर रूस के हमले के 8 महीने से ज्यादा वक्त हो चुके हैं. हमलों से यूक्रेन के कई शहर तबाह हो चुके हैं. चीन-तुर्की और ईरान समेत कई देशों ने जंग में रूस की मदद भी की है. जंग में रूस तरह-तरह के हथियारों का प्रयोग कर रहा है, जिसमें ईरान के ड्रोन भी शामिल हैं. हालांकि, ईरान के राजदूत डॉक्टर इराज इलाही का कहना है कि जंग के बाद से ईरान ने रूस को कोई हथियार नहीं दिए हैं.
NDTV के संवाददाता अली अब्बास नकवी से खास बातचीत में ईरान के भारत में राजदूत डॉक्टर इराज इलाही ने उन सभी सवालों के जवाब दिए, जिसके जवाब दुनिया जानना चाह रही हैं. पढ़ें इस बातचीत के खास अंश...
क्या रूस-यूक्रेन युद्ध में ईरान रूस के साथ खड़ा है और मदद कर रहा है? क्या रूस को ड्रोन नहीं दिए जा रहे हैं?
रूस-ईरान के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग करने का समझौता है. हालांकि, जंग शुरू होने के बाद से हमने कोई भी हथियार रूस को नहीं दिए हैं. वेस्टर्न मीडिया आरोप लगा रही है कि ईरान ने रूस को जंग में इस्तेमाल के लिए कई हथियार दिए हैं. मैं बता दूं कि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं.
हिजाब को लेकर ईरान में प्रदर्शन हो रहे हैं, उसपर आपका क्या कहना है?
ये एक प्रोपगंडा है. इस वक्त हम दो ईरान देख सकते हैं. ये प्रदर्शन एक तरफा आपको दिख रहे हैं, वेस्ट्रन मीडिया जो दिखा रहा है उसपर लोग यकीन कर रहे हैं. जबकि हिजाब और सरकार के समर्थन में कई रैलियां, प्रोटेस्ट खुद ईरान में हो रहे हैं. लेकिन वो वेस्टर्न मीडिया के ज़रिये नहीं दिखाया जा रहा है. आपको ईरान के हालात के बारे में जानकारी लेनी है, तो वहां के सरकारी चैनलों को देखें न की वेस्ट्रन मीडिया को फॉलो करें.
महसा अमीनी की मौत पर आपका क्या कहना है?
महसा अमीनी की मौत का सच आप खुद ईरान सरकार के खुद आधिकारिक रिपोर्ट में देख सकते हैं. उस रिपोर्ट में साफ दिखाया गया है कि महसा अमीनी की मौत उसकी पुरानी बीमारी की वजह से हुई है.
ईरान के शाह चिराग श्राइन में आतंकी हमला हुआ, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई. इस पर आप क्या कहेंगे?
हमने नई दिल्ली में एक शोक सभा करके ईरान में आतंकी हमले में मारे गए श्रद्धालुओं को याद किया. साथ ही आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया है. आईएसआईएस आतंकी संगठन का ये हमला निंदनीय है. हर देश को एक साथ आईएसआईएस के खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा, क्योंकि कल ये अफगानिस्तान में था आज ईरान में है. कल किस देश मे आ जाये ये नहीं कह सकते. हम सब को एक साथ आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना पड़ेगा.
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