दुनिया के 7 आश्चर्यों में से एक, पेरू का Machu Picchu जंगल की आग से पड़ा खतरे में, दो दिन से हो रही बचाने की कोशिश

माचू-पिच्चू (Machu Picchu) एक पत्थर का बना जटिल स्ट्रक्चर है जो एक पहाड़ की चोटी पर बना है. इसे करीब 500 साल पहले इंका सभ्यता के लोगों ने बनाया था जिनका साम्राज्य दक्षिण अमेरिका तक फैला था जो आज दक्षिणी इक्वाडोर से सेंट्रल चिली तक फैला था. बेहद अंदरूनी इलाके में लगी आग के कारण अग्निशमन विभाग को भी दिक्कत आ रही है. 

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पेरू के जंगलों में लगी आग से Machu Picchu पड़ा खतरे में ( प्रतीकात्मक तस्वीर)
लीमा:

पेरू (Peru) में जंगलों में लगी आग से दुनिया के सबसे पुराने शहरों में से एक माचू पिच्चू (Machu Picchu) खतरे में पड़ गया है. एंडीज़ पवर्त श्रंखला के बीच यह इंका सभ्यता का प्रमुख ठिकाना हुआ करता था.  रॉयटर्स के अनुसार, इस आग ने करीब वेटिकन सिटी के आधे के बराबर इलाका निगल लिया है. यह आग मंगलवार को शुरू हुई थी जब किसान नई फसल बोने के लिए घास और कचरा जला रहे थे. बुधवार को करीब 20 हेक्टेयर की जमीन आग से प्रभावित हुई. पास ही के शहर कुस्को के मेयर ने जानकारी दी.

माचू-पिच्चू एक पत्थर का बना जटिल स्ट्रक्चर है जो एक पहाड़ की चोटी पर बना है. इसे करीब 500 साल पहले इंका सभ्यता के लोगों ने बनाया था जिनका साम्राज्य दक्षिण अमेरिका तक फैला था जो आज दक्षिणी इक्वाडोर से सेंट्रल चिली तक फैला था. बेहद अंदरूनी इलाके में लगी आग के कारण अग्निशमन विभाग को भी दिक्कत आ रही है. 

कुस्को जोखिम प्रबंधन और सुरक्षा अधिकारी रॉबर्टो आबार्का ने कहा, " हम  पहले ही दो दिन से जंगल की आग से लड़ रहे हैं और अब तक इस पर नियंत्रण पाना संभव नहीं हो पाया है. उस इलाके तक पहुंच पाना लगभग असंभव है."

आर्श्चय में डाल देने वाले यह अवशेष पेरू के सबसे प्रमुख पर्यटक केंद्र हैं और इन्हें दुनिया के सात नए आर्श्चयों में से एक माना गया है.  

माचू पिच्चू इंका साम्राज्य की सबसे स्थायी विरासत है, जिसने 16वीं शताब्दी में स्पेनिश विजय से पहले 100 साल तक पश्चिमी दक्षिण अमेरिका के एक बड़े स्वाथ पर शासन किया था. इंका बस्ती के खंडहरों को 1911 में अमेरिकी खोजकर्ता हीराम बिंघम द्वारा फिर से खोजा गया और 1983 में यूनेस्को ने माचू पिच्चू को विश्व विरासत स्थल घोषित किया.

यह मूल रूप से जुलाई में आगंतुकों को फिर से खोलने के लिए निर्धारित किया गया था, लेकिन अब इसे नवंबर में खोलने की बात कही गई है. यहं केवल 675 पर्यटकों को एक दिन में अनुमति दी जाएगी, जो महामारी से पहले की अनुमति दी गई संख्या का 30 प्रतिशत है, जिससे आगंतुकों को सामाजिक दूरी बनाए रखने की उम्मीद है.

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