विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस और ईरान एवं श्रीलंका सहित कम से कम छह देशों के नेताओं से शनिवार को मुलाकात की तथा उनके साथ द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय एवं वैश्विक महत्व के मुद्दों पर चर्चा की. जयशंकर शुक्रवार से शुरू हुए गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के दो-दिवसीय शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए युगांडा की राजधानी कम्पाला में हैं.
उन्होंने सम्मेलन के इतर गुतारेस से मुलाकात की और सोशल मीडिया ‘एक्स' पर इसकी एक तस्वीर भी साझा की. जयशंकर ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से मिलकर हमेशा की तरह खुशी हुई. उनके साथ एजेंडा 2030, संयुक्त राष्ट्र सुधार, पश्चिम एशिया की स्थिति, समुद्री सुरक्षा और यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा की.''
जयशंकर ने सम्मेलन के इतर ईरानी उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर, कोलंबिया के विदेश मंत्री अल्वारो लेवा दुरान और फिलीपीन के विदेश मंत्री एनरिक ए मनालो से भी मुलाकात की.
उन्होंने कहा कि उनकी ईरानी नेता के साथ ‘‘सार्थक बातचीत'' हुई और दोनों नेताओं ने ‘‘द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ हालिया क्षेत्रीय घटनाक्रम'' पर चर्चा की. विदेश मंत्री ने ‘एक्स' लिखा, ‘‘सहयोग के हमारे एजेंडे को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की.''
जयशंकर ने कहा कि उन्होंने अपने कोलंबियाई समकक्ष के साथ ‘‘वैश्विक मुद्दों और हमारे द्विपक्षीय संबंधों'' पर चर्चा की.
उन्होंने कहा, ‘‘फिलीपीन के विदेश मंत्री से मिलकर बहुत अच्छा लगा. हमने व्यापार, निवेश और सुरक्षा साझेदारी की दिशा में हुई अनुकूल प्रगति की समीक्षा की. हिंद-प्रशांत में सुरक्षा, स्थिरता और कानून के शासन से संबंधित मामलों पर चर्चा की.''
जयशंकर ने श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय पहल की प्रगति पर चर्चा की. उन्होंने बांग्लादेश के नवनियुक्त विदेश मंत्री मोहम्मद हसन महमूद से भी मुलाकात की और दिनों-दिन ‘‘मजबूत हो रहे'' द्विपक्षीय संबंधों की सराहना की.
भारतीय विदेश मंत्री ने फलस्तीन के विदेश मंत्री डॉ रियाद अल-मलिकी से भी मुलाकात की और गाजा पट्टी में संघर्ष पर ‘‘विस्तृत एवं व्यापक चर्चा'' की.
उन्होंने युगांडा के अपने समकक्ष जनरल जेजे ओडोंगो से भी मुलाकात की. जयशंकर ने ‘एक्स' पर लिखा, ‘‘अपने प्रिय मित्र जनरल जेजे ओडोंगो के साथ मिलकर दिन की शुरुआत करके खुशी हुई. एनएएम शिखर सम्मेलन में उत्कृष्ट व्यवस्था के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. युगांडा की अध्यक्षता के प्रति तहे दिल से भारत के समर्थन का आश्वासन दिया.''
उन्होंने कहा, ‘‘अप्रैल 2023 की मेरी यात्रा के बाद से हमारे द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति हुई है. सीधी उड़ानें, प्रशिक्षण और आदान-प्रदान तथा नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) के परिसर की शुरुआत प्रमुख विकाय कार्यों में शुमार हैं.'
जयशंकर ने शुक्रवार को बहरीन, सर्बिया, बोलीविया, अजरबैजान और वेनेजुएला के अपने समकक्षों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें कीं.
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