Israel Palestine Conflict : जंग तेज हुई तो क्‍या होंगे नतीजे? जानिए तीसरे विश्‍व युद्ध को लेकर क्‍या बोले विशेषज्ञ

सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेल्‍लानी ने कहा कि इजराइल के पास अब काफी मुश्किल विकल्‍प बचे हैं, क्‍योंकि अगर इजराइल गाजा में जाकर हमला करता है तो उससे कई लोग और इजराइली सैनिक मारे जाएंगे. 

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विशेषज्ञों का मानना है कि हमास के हमले से इजराइली सरकार की विश्‍वसनीयता अपने ही देश में कमजोर हो गई है.
नई दिल्‍ली :

Israel Palestine Conflict : इजराइल (Israel) पर आतंकी संगठन हमास (Hamas) के अचानक हमलों ने दुनिया को हिला कर रख दिया है. हमास ने जमीन, हवा और पानी के रास्‍ते से जिस तेजी से हमला किया, उससे इजराइल जैसा हमेशा सतर्क रहने वाला देश भी देखता रह गया. इससे पहले की वो कोई जवाबी कार्रवाई कर पाता उसे जान-माल का काफी नुकसान हो चुका था. विशेषज्ञों का मानना है कि हमास के हमले से इजराइली सरकार की विश्‍वसनीयता अपने ही देश में कमजोर हो गई है. साथ ही उनका मानना है कि जंग तेज हुई तो उसके बुरे नतीजे होंगे. एनडीटीवी के साथ बातचीत में एक विशेषज्ञ ने कहा कि हम अघोषित रूप से तीसरे विश्‍व युद्ध की ओर जा रहे हैं. 

सामरिक मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेल्‍लानी ने कहा कि हमास ने जिस तरह से इजराइल को आश्‍चर्यचकित किया, वह इजराइल के लिए एक तरह से अपमान है. उन्‍होंने कहा कि हमास एक छोटा सा आतंकी संगठन है, यह कोई बड़ा देश नहीं है. इससे इजराइली सरकार की विश्‍वसनीयता अपने देश में ही कमजोर हो गई है. 

उन्‍होंने कहा कि इजराइल के पास अब काफी मुश्किल विकल्‍प बचे हैं, क्‍योंकि अगर इजराइल गाजा में जाकर हमला करता है तो उससे कई लोग और इजराइली सैनिक मारे जाएंगे. 

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दुनिया में खड़ी हो सकती हैं नई समस्‍याएं : चेल्‍लानी 

उन्‍होंने कहा कि इससे न फिलिस्‍तीन को लाभ होगा और न ही हमास को. उन्‍होंने कहा कि इससे हमास खत्‍म हो सकता है और फिलिस्‍तीन की जो मुहिम है वो कमजोर हो सकती है. चेल्‍लानी ने कहा कि हमास के टेरर ऑपरेशन से नई टेंशन शुरू हो सकती है. इससे अमेरिका और ईरान के साथ ही इजराइल और ईरान के बीच नई टेंशन हो सकती है. उन्‍होंने कहा कि सऊदी अरब और इजराइल के बीच जो बातचीत चल रही थी, उससे अब कोई डील निकलने वाली नहीं है. उन्‍होंने कहा कि अब अमेरिका, इजराइल को हथियार देने वाला है. एक घोषणा होने वाली है. इससे अमेरिका की यूक्रेन को सप्‍लाई कम हो जाएगी. इसके कई अंतरराष्‍ट्रीय आयाम हैं, जिससे दुनिया में नई समस्‍याएं खड़ी हो जाएंगी. 

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जंग तेज हुई तो बुरे होंगे नतीजे : कमर आगा 

विदेश मामलों के विशेषज्ञ कमर आगा ने एनडीटीवी से कहा कि दुनिया में अलग-अलग खेमों में बंटे लोग नजर आते हैं. उन्‍होंने कहा कि एक छोटे से आतंकवादी संगठन ने जो किया है, उसने बड़ी समस्‍या खड़ी कर दी है. उन्‍होंने कहा कि यह जंग बढ़ भी सकती है और अगर ऐसा होता है तो उसके नतीजे बहुत बुरे होंगे. आगा ने कहा कि अगर जंग फैलती है और ऐसी स्थिति आती है कि हिजबुल्‍ला और ईरान की भी जंग में एंट्री होती है तो काफी मु‍श्किल होगी. 

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'अरब दुनिया में हिंदुस्‍तानियों का बड़ा सम्‍मान'

उन्‍होंने कहा कि अरब दुनिया में हिंदुस्‍तानियों का बड़ा सम्‍मान है, लगभग 75 लाख भारतीय खाड़ी देशों में काम करते हैं. उन देशों से हमारा बहुत बड़ा ट्रेड है.हमारे यहां वहां से काफी इंवेस्‍टमेंट आता है. फिलिस्‍तीनी आमतौर पर भारत को अपना मित्र समझते हैं. इस समय हमास आतंकी समूह है, जिसकी गाजा में सपोर्ट है और यह वहां भी कम हो रही थी. हालांकि उसने अपने को  दुबारा से जमाया है.  

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उन्‍होंने कहा कि इजराइल का अगले तीन चार दिन में जो अटैक होगा, उसमें वो गाजा पट्टी को बिलकुल ध्‍वस्‍त ही कर देगा. 

साथ ही आगा ने कहा कि समस्‍या ये है कि सऊदी अरब अब्राहम एकॉर्ड ज्‍वाइन करने वाला था और इजराइल के साथ अपने रिश्‍ते बनाने वाला था. उससे भारत को बहुत ही फायदा होता. हालांकि अब लगता है कि हमारे कनेक्टिवटी प्रोजेक्‍ट में देरी होगी, क्‍योंकि सऊदी अरब भी इस स्थिति में नहीं होगा कि इसे ज्‍वाइन करे. 

हमास का बहुत कम समर्थन : डीपी श्रीवास्‍तव 

पूर्व राजनयिक डीपी श्रीवास्‍तव ने कहा कि कोई भी सरकार हमास का खुलकर समर्थन नहीं कर रही है. मध्‍य पूर्व में अरब देशों से और फिलिस्‍तीन के साथ हमास के संबंध खराब हैं. उन्‍होंने कहा कि भले ही बाहर से उनके पास उतनी मदद न हो, लेकिन तनाव बना हुआ है और इतने छोटे इलाके में तनाव बढ़ने से विस्फोटक स्थिति हो जाती है जिसे रोकना मुश्किल है. यह ऐसा नहीं है कि दो देशों की सेनाएं लड़ रही हैं. आप राष्‍ट्रों से बात कर सकते हैं, वहां की सरकारों से बात कर सकते हैं. सरकारों के साथ औरों के संबंध होते हैं, लेकिन हमास के साथ बहुत कम के संबंध हैं. हमास का समर्थन बहुत कम है. 

युद्ध लंबा चला तो आर्थिक स्थिति पर होगा असर : श्रीवास्‍तव 

उन्‍होंने कहा कि गाजा में जो भी हो रहा है उसका असर अरब मुल्‍कों और इजराइल के रिश्‍तों पर पड़ेगा, लेकिन सऊदी अरब और भारत के रिश्‍तों पर इसका कोई असर नहीं होगा. हालांकि उन्‍होंने कहा कि पिछले एक महीने से तेल के दामों में कमी आना शुरू हुई थी, जो भारत जैसे देशों के लिए अच्‍छी बात थी. हालांकि यह युद्ध लंबा चला और तनाव बढ़ा तो इसका तेल के दामों पर और भारत सहित दुनिया की आर्थिक स्थिति पर असर होगा. 

'हम तीसरे विश्‍व युद्ध की ओर जा रहे हैं'

जेएनयू के असिस्‍टेंट प्रोफेसर डॉ. अभिषेक श्रीवास्‍तव ने कहा कि हमास के आंतकियों को जो हथियार और ट्रेनिंग मिल रही है, उसे लेकर मोसाद और इंटेलीजेंस एजेंसियों पर सवाल खड़ा होता है. इजराइल के सहयोगी देशों को भी इस तरह के हमले की खबर नहीं थी. उन्‍हेांने कहा कि यह विश्‍व के लिए खतरनाक संदेश है कि विश्‍व के एक छोटे से कोने में एक आतंकी संगठन इतनी तैयारी कर रहा है कि वह एक पूरे देश को चुनौती दे रहे हैं और हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं. उन्‍होंने दुनिया के अन्‍य देशों के बीच तनाव और अन्‍य युद्धों का हवाला देते हुए कहा कि अघोषित रूप से हम तीसरे विश्‍व युद्ध की ओर जा रहे हैं. 

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