- UNSC ने गाजा के लिए अमेरिका समर्थित अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल को मंजूरी दी है जो ट्रंप के नेतृत्व में होगा.
- अमेरिका के नेतृत्व वाले सिविल-मिलिट्री कोऑर्डिनेशन सेंटर को गाजा शांति योजना का प्रबंधन सौंपा गया है.
- गाजा में राहत केंद्रों की सुरक्षा के लिए UG सॉल्यूशंस नामक अमेरिकी कंपनी के भाड़े के सैनिकों का इस्तेमाल.
पिछले दिनों यूएन सिक्योरिटी काउसिंल में वोटिंग के जरिये गाजा के लिए अमेरिका की तरफ से स्पॉन्सर्ड अंतरराष्ट्रीय स्टेब्लाइजेशन फोर्स को मंजूरी दी गई है. यह यूएन नहीं, बल्कि एक नए 'बोर्ड ऑफ पीस' के लिए जवाबदेह होगा. इसकी अध्यक्षता अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप करेंगे. यह बोर्ड पुनर्निर्माण, आर्थिक नीति और राहत सामग्री के वितरण सहित सुरक्षा व्यवस्थाओं पर भी अधिकार रखेगा. अमेरिकी और इजरायली सैनिकों के साथ-साथ 20 से ज्यादा दूसरे देशों के मिलिट्री रिप्रेजेंटेटिव, डिप्लोमैट और मदद करने वाले लोग, अब दक्षिणी इजरायल के एक वेयरहाउस में हैं. ये लोग गाजा में करीब छह हफ्ते पुराने सीजफायर पर नजर रख रहे हैं.
CMCC के हवाले बड़ी जिम्मेदारी
अमेरिका के नेतृत्व वाले सिविल-मिलिट्री कोऑर्डिनेशन सेंटर (CMCC) को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजा शांति प्लान के अगले स्टेज को मैनेज करने का काम सौंपा गया है. हालांकि किसी भी फिलिस्तीनी प्रतिनिधित्व की गैरमौजूदगी में अब इसकी आलोचना भी हो रही है. वहीं इन सबके बीच पिछले दिनों गाजा में राहत केंद्रों पर एक ऐसी अमेरिकी कंपनी के मौजूद होने का नाम भी सामने आया जिसमें दरअसल एक बाइकर गैंग के सदस्य शामिल हैं. खास बात है कि ज्यादातर सदस्य इस्लाम विरोधी विचारधारा रखते हैं.
भाड़े के सैनिकों का नियंत्रण
कई महीनों तक, गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) की तरफ से चलाए जा रहे मदद वितरण केंद्रों को एक नाजुक लाइफलाइन के तौर पर पेश किया गया जो इंसानों के लिए बेहद जरूरी है. ये केंद्र कुछ दिल दहलाने वाली घटनाओं के भी गवाह बने, जहां भोजन और पानी पाने के लिए बेकरार भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अमेरिका के भाड़े के सैनिकों को लगाया गया था. इस दौरान कई लोगों की मौतों की भी खबरें आईं. यह जानकारी ऐसे समय में और भी ज्यादा अहम हो जाती है जब इजरायल पर गाजा में वॉर क्राइम के आरोप लग रहे हैं.
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आखिर क्या है यूजी सॉल्यूशंस
यूजी सॉल्यूशंस (UGS) की तरफ से लागू किया गया था. यह वही कंपनी है जिसे सेफ रीच सॉल्यूशंस (SRS) ने GHF के राहत केंद्रों की सुरक्षा के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया था. पिछले करीब एक साल से, यूजी सॉल्यूशंस की मौजूदगी से सवाल उठे हैं, उन्हें कौन रेगुलेट करता है? उन्हें क्या करने का अधिकार है? बीबीसी की तरफ हुई जांच में यह सामने आया कि गाजा में UG सॉल्यूशंस की तरफ से तैनात 320 ठेकेदारों यानी भाड़े के सैनिकों में से कम से कम 40 वर्तमान या पूर्व सदस्य 'इन्फिडेल्स मोटरसाइकिल क्लब' के थे. यह दरअसल एक अमेरिकी बाइकर गैंग है, जो खुद को खुले तौर पर एक 'मॉर्डन क्रूसेडर' संगठन के रूप में प्रचारित करता है. इस संगठन की तरफ से कई बार ऑनलाइन ऐसा कंटेंट पोस्ट किया जो मुस्लिम-विरोधी था.
इस्लाम विरोधी विचारधारा
गैंग के 10 सदस्य ऐसे थे जो गाजा में इस सिक्योरिटी फर्म के लिए काम कर रहे थे. इनमें से सात सीनियर पोस्ट पर थे. बीबीसी के मुताबिक जो सदस्य शामिल थे उनमें जॉनी 'टैज' मॉल्फोर्ड, जो गाजा के लिए फर्म के कंट्री टीम लीडर थे. उनके शरीर पर क्रूसेडर क्रॉस और '1095' (पहले क्रूसेड की शुरुआत का वर्ष) के टैटू बने हुए थे.
लैरी 'जे-रॉड' जैरेट, इन्फिडेल्स एमसी के वाइस-प्रेसिडेंट, जो UGS के तहत गाजा में लॉजिस्टिक्स की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. बिल 'सेंट' सीबे, गैंग के नेशनल ट्रेजरर, जो GHF के एक डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर पर साइट सिक्योरिटी का नेतृत्व कर रहे थे.
रिचर्ड 'ए-ट्रैकर' लॉफ्टन, गैंग के फाउंडर मेंबर्स में से एक, जो GHF के दूसरे केंद्र पर टीम लीडर की भूमिका निभा रहे थे.
सोशल मीडिया पोस्ट्स में गैंग के सदस्यों को गाजा के रेगिस्तानी इलाके के बैकग्राउंड में राइफल्स लेकर पोज देते हुए दिखाया गया है. कई जगह पर उन्होंने ऐसे बैनर्स भी पकड़े हुए दिखे जिन पर लिखा था, 'मेक गाजा ग्रेट अगेन'. इन्फिडेल्स एमसी के एक चैव्टर की तरफ से पोस्ट किए गए एक और फ्लायर में रमजान का मजाक उड़ाया गया था. UG सॉल्यूशंस ने इस तरह की जॉब से जुड़े होने की हर खबर को खारिज कर दिया है.
GHF की जमकर आलोचना
गाजा में मदद मुहैया कराने वाली एजेंसियों ने जीएचएफ की जमकर आलोचना की है. ऑक्सफैम समेत 150 से ज्यादा ऑर्गनाइजेशन ने इसके मॉडल को जमकर कोसा है. एमनेस्टी इंटरनेशनल का कहना है कि फाउंडेशन 'बुनियादी मानवीय स्टैंडर्ड्स को नहीं मानता है,' और बताया कि चार मिलिट्री डिस्ट्रीब्यूशन साइट्स ने पहले के 400 मदद पॉइंट्स की जगह ले ली. इससे लाखों लोग भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने को मजबूर हो गए. डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने इन साइट्स को 'मानवीय मदद के नाम पर कत्लेआम' कहा. गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री ने GHF द्वारा चलाई जा रही साइट्स पर दर्जनों हत्याओं की रिपोर्ट दी है.
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