रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर UNSC में अपने न्यूट्रल स्टैंड पर कायम रहा भारत, 13 दूसरे देशों ने भी बनाई वोटिंग से दूरी

भारत (India) और 12 अन्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSAC)  के सदस्य देश यूक्रेन में मानवीय संकट पर रूस द्वारा एक प्रस्ताव पर अनुपस्थित रहा.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
 भारत उन 13 देशों में शामिल रहा, जिन्होंने मतदान में भाग नहीं लिया.
नई दिल्ली:

भारत (India) और 12 अन्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSAC)  के सदस्य देश यूक्रेन में मानवीय संकट पर रूस द्वारा एक प्रस्ताव पर अनुपस्थित रहे. जिसके बाद सुरक्षा परिषद में बुधवार को वह रूसी प्रस्ताव पारित नहीं हो सका. जिसमें यूक्रेन (Ukraine) की बढ़ती मानवीय जरूरतों को तो स्वीकार किया गया था, लेकिन रूसी आक्रमण का कोई उल्लेख नहीं था. असल में रूस को प्रस्ताव पारित कराने के लिए 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में न्यूनतम नौ वोट की आवश्यकता थी, साथ ही जरूरी था कि चार अन्य स्थायी सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन में से कोई भी ‘वीटो' का इस्तेमाल ना करे. 

Russia Ukraine War: रूस के खिलाफ लड़ने के लिए यूक्रेन को 6,000 मिसाइलें भेजेगा ब्रिटेन

गौरतलब है, भारत ने यूएनएससी के 12 अन्य सदस्यों के साथ उस प्रस्ताव पर खुद को अलग रखा. रूस द्वारा मसौदा प्रस्ताव को सीरिया, उत्तर कोरिया और बेलारूस द्वारा प्रायोजित किया गया था. यह प्रस्ताव बुधवार को परिषद में अपनाए जाने में विफल रहा क्योंकि इसे पारित होने के लिए आवश्यक नौ हां वोट नहीं मिले.   रूस और चीन ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जबकि कोई भी देश इसके खिलाफ मतदान नहीं कर रहा था. इसके अलावा भारत और सुरक्षा परिषद के शेष सदस्य अनुपस्थित रहे. 

स्थायी और वीटो अधिकार रखने वाले परिषद के सदस्य रूस ने 15 सदस्य देशों के सामने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने मसौदा प्रस्ताव पर वोट देने का आह्वान किया था. जिसमें मांग की गई थी कि मानवीय संकट को देखते हुए महिलाओं और बच्चों समेत कमजोर परिस्थितियों में रह रहे नागरिकों को पूरी तरह से संरक्षित किया जाए.

Ukraine Crisis: यूरोप यात्रा पर जो बाइडेन, कीव की घेराबंदी कर रूस कर रहा बमबारी; 264 नागरिकों की मौत : 10 बातें

 प्रस्ताव में कहा गया है कि "नागरिकों की सुरक्षा, स्वैच्छिक और निर्बाध निकासी को सक्षम बनाने के लिए बातचीत के जरिए संघर्ष विराम का आह्वान करता है और संबंधित पक्षों को इस उद्देश्य के लिए मानवीय ठहराव पर सहमत होने की आवश्यकता को रेखांकित करता है." रूस और चीन ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि भारत उन 13 देशों में शामिल रहा, जिन्होंने मतदान में भाग नहीं लिया. भारत ने पहले भी सुरक्षा परिषद में दो मौकों पर और एक बार यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के प्रस्तावों पर महासभा में भाग नहीं लिया था.


 

Featured Video Of The Day
मनाली में तबाही का मंजर | Ground Report | NDTV Exclusive | Manali Floods 2025 | Top News | Weather
Topics mentioned in this article