Ukraine Russia संकट पर यूरोपीय संघ के नेताओं ने की चर्चा, कहा- "हम पीछे नहीं हटेंगे"

यूरोपीय संघ ने ब्रिटेन और अमेरिका की इस बात से सहमति जतायी है कि यदि रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो उस पर कड़ी पाबंदियां लगाई जाएंगी.

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EU आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयिन: ''कूटनीतिक वार्ता का अभी अंत नहीं हुआ है"
ब्रसेल्स:

यूक्रेन संकट (European Crisis)  का हल निकालने की संभावनाओं पर यूरोपीय संघ (EU) के नेताओं ने बृहस्पतिवार को एक संक्षिप्त बैठक की. इसमें कूटनीतिक माध्यमों से इस संकट से निकलने के रास्ते खोजने पर जोर रहा. इस दौरान उन्होंने पड़ोसी देश यूक्रेन पर रूस द्वारा हमला किये जाने की सूरत में रूस पर पाबंदियां लगाने पर भी बात की. 27 सदस्यों वाले यूरोपीय संघ के नेता दो दिवसीय ईयू-अफ्रीका सम्मेलन के लिये ब्रसेल्स में हैं.  सम्मेलन से पहले यह अनिर्धारित बैठक बुलाई गई थी. ईयू आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वोन डेर लेयिन ने कहा, ''कूटनीतिक वार्ता का अभी अंत नहीं हुआ है. यह अच्छी बात है और हमें अब भी उम्मीद है कि शांति कायम होगी.''

यूरोपीय संघ ने ब्रिटेन और अमेरिका की इस बात से सहमति जतायी है कि यदि रूस यूक्रेन पर हमला करता है तो उस पर कड़ी पाबंदियां लगाई जाएंगी.

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उर्सुला ने कहा, ''हमें पता चला है कि रूस ने अपने सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा की है. लेकिन हमें जमीन पर इसके कोई संकेत अभी तक नहीं दिखे हैं. इसके विपरीत हमने देखा कि सैनिकों और साजो-सामान की तैनाती बनी हुई है. लिहाजा, हमने जो सुना है उसपर यकीन करने के लिये हमें कथनी के बजाय करनी देखनी है. हम पीछे नहीं हटेंगे. ''

इससे पहले यूक्रेन (Ukraine) में रूसी हमले (Russian Attack) के पल-पल बढ़ते खतरे के बीच यूरोपीय संघ (EU) सुरक्षा को लेकर पूरा आकलन कर रहा है और रूस की तरफ से हमला करने की स्थिति में EU की ओर से की जा सकने वाली संभावित कार्रवाई को लेकर भारत को भरोसे में ले रहा है. EU के अधिकारी ने कहा कि भारत ‘‘मित्र और साझेदार'' है और 27 देशों का समूह (ईयू) यूक्रेन संकट को लेकर नयी दिल्ली के नियमित संपर्क में है. उन्होंने बताया कि समूह कूटनीति और बातचीत के जरिये इस संकट को टालेने का रास्ता निकालने के लिए ‘पुरजोर' तरीके से प्रयास कर रहा है.

यूरोपीय संघ का बयान ऐसे समय आया है जब गरुवार को रूस समर्थित विद्रोही संगठनों का कहा कि यूक्रेन की सरकार ने उनके कब्ज़े वाले पूर्वी इलाकों में गोलाबारी कर युद्धविरोध के समझौते का उल्लंघन किया. ब्रिटिश अखबार इंडिपेंडेंट के अनुसार यूक्रेन की सेना पर रूसी विद्रोहियों के कब्जे वाले लुहांस्क पीपल्स रिपब्लिक (Luhansk People's Republic) इलाके के प्रतिनिधियों ने  यह आरोप लगाया है. एक महीने से यूरोप पर बने युद्द के संकट के बीच  पहली बार जंगी सामान के प्रयोग की खबर है. वहीं यूक्रेन ने विद्रोही गुटों के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि हमला उनके उपर हुआ था लेकिन वो शांत रहे.

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