डोनाल्ड ट्रंप की हत्या का प्रयास अमेरिका को किस राह ले जाएगा? दुनिया में इसका क्या असर पड़ेगा

Donald Trump Rally Shooting : डोनाल्‍ड ट्रंप को अहसास ही नहीं हुआ कि उन्‍हें गोली लगी है. ट्रंप ने जब अपने कान पर हाथ लगाया, तो उन्‍हें अहसास हुआ कि खून निकल रहा है. जानें इस घटना का अमेरिका और दुनिया पर क्या असर पड़ेगा...

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Trump Rally Firing : डोनाल्ड ट्रंप के फिर राष्ट्रपति बनने से दुनिया में बड़े बदलाव होंगे.

Donald Trump Shot : विश्वशक्ति. दुनिया का बॉस अमेरिका.जिसकी एक आवाज पर बड़े-बड़े देश कांप उठते हैं, उसके भविष्य पर आज सवाल उठ रहे हैं. दुनिया भर के देशों को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने वाले और उसके लिए जंग तक लड़ने वाले अमेरिका का लोकतंत्र कटघरे में है. आज डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की कोशिश ने पूरी दुनिया को चौंका दिया. डोनाल्ड ट्रंप कोई साधारण इंसान नहीं हैं. जो बाइडेन से पहले वही अमेरिका के राष्ट्रपति थे और इस बार फिर राष्ट्रपति का चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे शख्स को सरेआम गोली मारने की घटना अमेरिका के भविष्य को लेकर अनेकों चिंता पैदा करती है. सबसे पहला सवाल तो यही है कि क्या इस हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप की जीत तय हो गई है?

रोनाल्ड रीगन की ट्रंप ने दिलाई याद 

डोनाल्ड ट्रंप को गोली लगने का फुटेज अमेरिका ही नहीं पूरी दुनिया में वायरल है. यह वीडियो उनके चुनाव अभियान को एक नई दिशा भी दे सकता है. यह असाधारण वीडियो है. वीडियो में देखा और सुना जा सकता है कि गोली लगने के बाद ट्रंप को सिक्रेट सर्विस का सुरक्षाकर्मी उन्हें वहां से हटने के लिए कह रहा है. इस पर ट्रंप कहते हैं, "मुझे अपने जूते पहनने दो." सुरक्षाकर्मी बार-बार कहता है, "हमें आपको कार तक ले जाना है." हालांकि डोनाल्ड ट्रंप शांत भाव से थे. वह बार-बार "रुको, रुको, रुको, रुको" कह रहे थे. यह वीडियो देख 1981 में गोली लगने से बचने वाले अंतिम राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की याद आ गई. स्काई न्यूज के अनुसार, रोनाल्ड रीगन ने गोली लगने के बाद अपनी पत्नी नैन्सी से मजाक करते हुए कहा था,  "हनी, मैं डक करना भूल गया." रीगन इसके बाद फिर राष्ट्रपति बने. क्या अब ट्रंप के गोली लगने के बाद भी शांत व्यवहार ने अमेरिकी वोटरों को प्रभावित किया? क्या वह इस बार चुनाव जीतने जा रहे हैं?

बाइडेन और ट्रंप में कौन पड़ रहा भारी?

राजनीतिक जोखिम अनुसंधान और परामर्श फर्म यूरेशिया ग्रुप के अध्यक्ष इयान ब्रेमर ने इसका विस्तार से जवाब दिय. उनके अनुसार, चुनाव अभियान रैली में हुई गोलीबारी के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि डोनाल्ड ट्रंप तो ठीक हैं, लेकिन अमेरिकी लोकतंत्र ठीक नहीं है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि हत्या का प्रयास इसलिए हुआ, क्योंकि कई अमेरिकियों को यकीन था कि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी (डोनाल्ड ट्रंप) अमेरिकी लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए दृढ़ हैं. इयान ब्रेमर ने कहा, "यह सबसे खराब घटना है, और मुझे गहरी चिंता है कि यह आने वाली और अधिक राजनीतिक हिंसा और सामाजिक अस्थिरता का संकेत देता है." ब्रेमर ने चेतावनी दी कि जब अतीत में अन्य देशों में इसी तरह की घटनाएं हुई हैं, तो उनका अंत अक्सर अच्छा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि ट्रंप की हवा में अपनी मुट्ठी उठाए और खून से सना चेहरा राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए नुकसानदायक साबित होगा. जो बाइडेन पिछले महीने एक बहस में खराब प्रदर्शन के बाद बेहद कमजोर और भ्रमित दिखाई दे रहे हैं. उनकी उम्र के बारे में चिंताएं प्रबल हो गईं हैं. इसकी अधिक संभावना है कि इस बार चुनाव में ट्रंप जीतेंगे. अमेरिकियों को राजनीतिक स्पेक्ट्रम में अधिक हिंसा के लिए तैयार रहना चाहिए.

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ट्रंप राष्ट्रपति बने तो क्या बदलेगा?

नवंबर के चुनावों में ट्रंप की जीत यूक्रेन के लिए अमेरिका के निरंतर समर्थन पर सवाल खड़ा कर देगी, क्योंकि वह इसका समर्थन नहीं करते. रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि यदि वह राष्ट्रपति पद वापस जीत जाते हैं तो संघर्ष को बहुत जल्दी समाप्त कर देंगे. इससे कीव को डर है कि उसे कमजोर स्थिति से मास्को के साथ बातचीत करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. व्लादिमीर पुतिन ने भी कहा था कि वह युद्ध समाप्त करने के बारे में ट्रंप की टिप्पणियों को "बहुत गंभीरता से" लेते हैं. इसके साथ ही इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध, अमेरिका और खाड़ी देशों के संबंध में काफी बदलाव आएगा. भारत और चीन से रिश्तों में थोड़ी और दोस्ती व दुश्मनी बढ़ सकती है. मतलब भारत से अमेरिका के संबंध और सुधर सकते हैं और चीन से और खराब.

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रूस और चीन ने क्या कहा?

मॉस्को ने संयुक्त राज्य अमेरिका से अपनी नफरत भड़काने की नीतियों का जायजा लेने का आह्वान किया. वहीं यूक्रेन के समर्थन की निंदा करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या का प्रयास किया गया. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कीव को "हथियारों की आपूर्ति के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में मतदान करने वालों" को संबोधित करते हुए कीव के लिए समर्थन की निंदा की. उन्होंने कहा कि "शायद इस पैसे का उपयोग अमेरिकी पुलिस और अन्य सेवाओं को वित्त पोषित करने के लिए करना बेहतर होगा, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने वाली हैं?" क्रेमलिन ने राजनीति के संदर्भ में किसी भी हिंसा की कड़ी निंदा की. रूस के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने डोनाल्ड ट्रंप पर हमले के बाद कहा, "सभी कानूनी उपकरणों अदालतों, अभियोजकों, राजनीतिक बदनामी के प्रयासों का उपयोग करके उम्मीदवार ट्रंप को राजनीतिक क्षेत्र से हटाने के कई प्रयासों के बाद सभी बाहरी पर्यवेक्षकों के लिए यह स्पष्ट है कि उनका जीवन खतरे में है. हम यह बिल्कुल नहीं मानते कि यह प्रयास वर्तमान सत्ता द्वारा आयोजित किया गया था." चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को डोनाल्ड ट्रंप के प्रति अपनी "करुणा और सहानुभूति" व्यक्त की. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, "चीन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गोली मारकर हत्या के आसपास की स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है."

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पीएम मोदी हुए चिंतित

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले की रविवार को कड़ी निंदा की और कहा कि राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है. पीएम मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'मेरे मित्र पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले से बेहद चिंतित हूं. घटना की कड़ी निंदा करता हूं. राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है. उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.'

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