क्या भूकंप की आड़ में ईरान ने कर लिया न्यूक्लियर टेस्ट? जानें धरती कांपने की सच्चाई

ईरान में धरती कांपने के बाद US जियोलॉजिकल सर्वे और कॉम्प्रिहेंसिव न्यूक्लियर-टेस्ट-बैन ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन के एक्सपर्ट्स ने भी न्यूक्लियर टेस्ट की अटकलों को खारिज किया है. 

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ईरान में भूकंप के पीछे की सच्चाई क्या है.

20 जून 2025...रात के अंधेरे में ईरान की जमीन कांप उठी. भूकंप, इजरायल का तगड़ा हमला या फिर ईरान का परमाणु टेस्ट, वजह क्या था? चलिए जानते हैं पूरी खबर विस्तार से. ईरान का सेमनान प्रांत जहां ज़मीन के नीचे 10 किलोमीटर गहराई में हलचल (Iran Earthquake)  हुई. क्या ये सिर्फ संयोग था? या फिर परमाणु हथियारों (Iran Nuclear Test) का एक सीक्रेट टेस्ट. क्योंकि यही वो इलाका है, जहां ईरान का मिसाइल और स्पेस प्रोग्राम छिपा है. फोर्डो, नतान्ज, और सेमनान, तीनों ही ईरान की न्यूक्लियर रणनीति की रीढ़ हैं.

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ईरान में क्या वाकई भूकंप आया था?

ऐसे में जब ये खबर फैली कि तेहरान से महज 150 किलोमीटर दूर 5.1 तीव्रता का भूकंप आया तो कुछ एक्सपर्ट्स ने माना कि ये 'भूकंप' असल में एक न्यूक्लियर ब्लास्ट हो सकता है. एक ऐसा धमाका, जिसे प्राकृतिक आपदा का नाम देकर छिपाने की कोशिश की जा रही है. क्योंकि ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने दो दिन पहले ही साफ-साफ शब्दों में कहा था कि 'हम दबाव में परमाणु डील की बात नहीं करेंगे और उसी के 24 घंटे के भीतर, भूकंप आ गया.

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ईरान के भूकंप ने पूरी दुनिया को चिंता में डाला

इन दिनों इजरायल-ईरान के बीच जारी संघर्ष अपने चरम पर है, तो ऐसे में अचानक सवाल उठा सेमनान के नीचे की ज़मीन ही क्यों हिली. तो क्या ईरान ने चुपचाप दुनिया को दिखा दिया है कि वह अब सिर्फ बातों से नहीं, परमाणु ताकत से जवाब देगा. या फिर ये सब सिर्फ एक प्राकृतिक घटना है, जो युद्धग्रस्त दुनिया के बीच एक संयोग बन गई. हकीकत कोई नहीं जानता. लेकिन एक बात तय है कि भूकंप ने जमीन ही नहीं, पूरी दुनिया को चिंता में जरूर डाल दिया है. 

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हालांकि ईरानी समाचार एजेंसी इरना ने भूकंप की बात ही कही है. बताया जा रहा है कि ईरान में आम तौर पर हर साल कई भूकंप आते हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, US जियोलॉजिकल सर्वे और कॉम्प्रिहेंसिव न्यूक्लियर-टेस्ट-बैन ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन के एक्सपर्ट्स ने भी ईरान में न्यूक्लियर टेस्ट की अटकलों को खारिज किया है. 

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भूकंप था या परमाणु परीक्षण?

इस बीच बात अगर ईरान-इजरायल के बीच चल रहे युद्ध की करें तो इज़रायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू साफ शब्दों में पहले ही एलान कर चुके हैं कि - जब तक खामेनेई जिंदा हैं, ये जंग खत्म नहीं होगी. पिछले 12 घंटों में इजरायल ने ईरान पर कई हमले किए हैं. इनमें ईरान की इस्फहान न्यूक्लियर साइट पर हमला भी शामिल है.ईरान की खुफिया एजेंसी के तीन सीनियर कमांडर्स समेत कुल 15 सैनिकों के मारे जाने की बात सामने आ रही है. 

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इजरायल ने ईरान के सीनियर मिलिट्री कमांडर बहनाम शाहरियारी को मार गिराया है. वो ईरान की IRGC की कुद्स फोर्स की वेपंस ट्रांसफर यूनिट का प्रमुख था. इजरायली सेना के हवाई हमले में पश्चिमी ईरान में उसकी मौत हो गई. शाहरियारी पर आरोप था कि वो मिडिल ईस्ट में अपने प्रॉक्सी सहयोगियों को हथियार मुहैया करवाते थे. 

ईरान को इजरायल का क्लियर मैसेज

इसलिए पश्चिमी ईरान की ओर जाते समय शाहरियारी को उनके वाहन में ही मार गिराया गया. ये इलाका इजरायल से लगभग 1000 किलोमीटर दूर था. इजरायल का मैसेज क्लियर है. जब तक अपने दुश्मनों को ठिकाने नहीं लगा लेता तब तक चैन से नहीं बैठेगा. हो सकता है कि यही कारण हो जो ईरान न्यूक्लियर वैपेन बनाने में तेजी से लगा है.