अमेरिका ने देश में राजनयिक मिशन एवं उनमें काम करने वाले राजनयिकों की रक्षा करने के लिए सभी उचित कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई है. अमेरिका के विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में देश में भारतीय राजनयिक मिशनों पर हुई हिंसा की घटनाओं की निंदा की और कहा कि प्रदर्शन के रूप में हिंसा कतई स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने कहा, "हमारे विएना दायित्वों के अनुरूप मंत्रालय इन मिशनों और इनमें काम करने वाले राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संघीय, राज्य एवं स्थानीय कानून प्रवर्तन प्राधिकारियों के समन्वय से सभी उचित कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
पटेल वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के बाहर हिंसक प्रदर्शन और सैन फ्रांसिस्को में भारत के वाणिज्य दूतावास में तोड़-फोड़ संबंधी घटनाओं से जुड़े एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे. खालिस्तान समर्थकों के एक समूह ने पिछले सप्ताह यहां भारतीय दूतावास के सामने एकत्र होकर न केवल हिंसा भड़काने की कोशिश की थी, बल्कि उन्होंने देश के राजदूत तक को धमकी दी थी, लेकिन अमेरिका की कानून प्रवर्तन एजेंसी के समय पर हस्तक्षेप करने से वे संपत्ति को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा पाए. भारतीय दूतावास के बाहर प्रदर्शन कर रहे खालिस्तान समर्थकों ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के एक पत्रकार पर भी हमला किया था और उन्हें धमकाया था.
इससे कुछ दिन पहले खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला कर वहां तोड़फोड़ की थी. पटेल ने कहा, "हम अमेरिका में भारतीय राजनयिक मिशनों पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हाल में हुई हिंसक घटनाओं की निंदा करते हैं." उन्होंने कहा कि पत्रकारों के खिलाफ हमले कतई स्वीकार्य नहीं हैं और हम सिर्फ अपना काम कर रहे मीडिया के सदस्यों के खिलाफ हिंसा की हर घटना की निंदा करते हैं. हम राजनयिक मिशनों में तोड़फोड़ या हिंसा की भी आलोचना करते हैं.