- कनाडा में भारत के कई राज्यों के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं और यह पंजाबी समुदाय का दूसरा घर माना जाता है.
- भारत-कनाडा के बीच पिछले वर्षों में खालिस्तान मुद्दे पर तनाव आया था लेकिन अब दोनों देशों के संबंध सुधर रहे हैं.
- कनाडा अपने नागरिकता अधिनियम में बदलाव करने जा रहा है, जो भारतीयों के लिए गुड न्यूज माना जा रहा है.
Canada Citizenship Law: भारत से बाहर जिन देशों में भारतीय सबसे बड़ी संख्या में रहते हैं, उसमें कनाडा एक प्रमुख देश है. कनाडा पंजाबियों के लिए दूसरा घर जैसा है. केवल पंजाब-हरियाणा के सरदार ही नहीं, बल्कि भारत के दूसरे राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग कनाडा में रहते हैं. बीते कुछ साल से खालिस्तान और कुछ गैंगस्टरों पर हुई कार्रवाई के बाद भारत और कनाडा के रिश्ते में तल्खी आई थी. लेकिन कनाडा में सत्ता बदलने के बाद भारत के साथ रिश्ते फिर पटरी पर लौट रहे हैं.
जी-20 समिट में कनाडाई पीएम से मिले पीएम मोदी
हार ही में दक्षिण अप्रीका में जी-20 समिट में शामिल होने पहुंचे पीएम मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ न सिर्फ मुलाकात हुई बल्कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता में व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर बातचीत फिर से शुरू करने की सहमति बनी.
नागरिकता कानून में बदलाव करने जा रहा कनाडा
इस बीच कनाडा से भारतीयों के लिए एक और बड़ी गुड न्यूज सामने आई है. दरअसल कनाडा वंश-आधारित नागरिकता कानून को आधुनिक बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. इस अधिनियम में संशोधन करने वाले विधेयक को शाही मंजूरी मिल गई है. इस कदम का असर भारतीय मूल के हजारों परिवारों पर पड़ने की संभावना है.
नागरिकता अधिनियम को मिली शाही स्वीकृति
कनाडा सरकार द्वारा प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि नागरिकता अधिनियम (2025) में संशोधन करने वाले विधेयक सी-3 को शाही स्वीकृति मिल गई है. इसमें कहा गया कि यह नागरिकता अधिनियम को और अधिक समावेशी बनाने और कनाडाई नागरिकता के मूल्य को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.
नया कानून लागू होने से क्या होगा?
विज्ञप्ति में कहा गया है, 'नए कानून के लागू होते ही, उन सभी लोगों को कनाडाई नागरिकता प्रदान की जाएगी, जो विधेयक के प्रभाव में आने से पहले पैदा हुए हैं और जो प्रथम-पीढ़ी की सीमा या पिछले कानूनों के पुराने प्रावधानों के कारण नागरिक नहीं बन पाए थे.'
2009 के कानून से आ रही थी दिक्कत
कनाडाई वंशानुक्रम से नागरिकता पर पहली-पीढ़ी की सीमा वर्ष 2009 में लागू की गई थी. इसका अर्थ है कि यदि कोई बच्चा कनाडा के बाहर पैदा हुआ या गोद लिया गया है, तो वह वंशानुक्रम से कनाडाई नागरिक नहीं माना जाएगा, यदि उसके कनाडाई माता-पिता भी कनाडा के बाहर ही पैदा हुए हों या गोद लिए गए हों.
भारतीय मूल के लोगों को क्या मिलेगा फायदा?
मामले से परिचित लोगों का कहना है कि इस सीमा के कारण अनेक भारतीय मूल के कनाडाई लोगों के लिए समस्या उत्पन्न हो गई, जिनके बच्चे देश से बाहर पैदा हुए थे.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि नया कानून विदेश में जन्मे या गोद लिए गए कनाडाई माता-पिता को इस विधेयक के लागू होने की तिथि या उसके बाद कनाडा के बाहर जन्मे या गोद लिए गए अपने बच्चे को नागरिकता देने की अनुमति देगा, बशर्ते कि उनका कनाडा से पर्याप्त संबंध हो.
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