ईरान के हमलों के बाद अमेरिका ने जी 7 देशों के साथ की बैठक, इजरायल के लिए खींची लक्ष्मण रेखा

Iran Israel Conflict: इजरायल ने ईरान के हमलों के बाद बदले की कसम खाई है. अमेरिका भी इसका समर्थन कर रहा है. हालांकि, उसने लक्ष्मण रेखा भी खींच दी है...

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Iran Israel War: अमेरिका (US) यह अच्छी तरह से जानता है कि ईरान (Iran) के मिसाइल हमले के बाद इज़रा/ल (Israel) जवाबी कार्रवाई करेगा. इसके लिए वह इजरायल का साथ भी देने को तैयार है. हालांकि, उसने इजरायल के लिए एक लक्ष्मण रेखा भी खींच दी है.अमेरिका ने इजरायल को संदेश दिया है कि वो ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमला न करे.अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ईरान द्वारा लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागे जाने के बाद बुधवार को अपने G7 समकक्षों के साथ परामर्श किया और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए एक स्पष्ट लाल रेखा निर्धारित कर दी.

मीटिंग में और क्या हुआ?

इस बड़ी मीटिंग के बाद बाइडेन ने कहा कि हम सभी सात लोग सहमत हैं कि इजरायल को प्रतिक्रिया देने का अधिकार है, लेकिन उन्हें एक सीमा में ही प्रतिक्रिया देनी चाहिए. हालांकि, यह सीमा कितनी होगी, इस बारे में बाइडेन ने कुछ नहीं बताया. सभी पक्ष जानते हैं कि ईरान के परमाणु या तेल संसाधनों के खिलाफ कोई भी जवाबी हमला मध्य पूर्व को और भी अधिक अराजकता की ओर ले जाएगा, लेकिन ऐसा लगता है कि इज़रायल ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है. विदेश विभाग ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यह संदेश देने के लिए अपने फ्रांसीसी, ब्रिटिश, जर्मन और इतालवी समकक्षों से मुलाकात की.

दुनिया में डर का माहौल

वाशिंगटन से लेकर दुनिया भर में फिलहाल डर का माहौल है, क्योंकि अधिकारी यह देखने के लिए इंतजार कर रहे हैं कि क्या नेतन्याहू घरेलू स्तर पर कार्रवाई करने के दबाव में अपने देश के कट्टर दुश्मन से लड़ाई करने के लिए ईरान में और अधिक गहराई तक हमला करेंगे? पिछले सप्ताह लेबनान में ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के नेता की हत्या करके उसे गंभीर झटका देने और गाजा पट्टी में हमास को परास्त करने के बाद क्या नेतन्याहू इससे भी बड़ा कदम उठाएंगे? यह लाख टके का प्रश्न है. बुधवार को, पूर्व इजरायली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने ईरान की परमाणु सुविधाओं को नष्ट करने के लिए एक निर्णायक हमले का आह्वान किया था.

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अमेरिका ये नहीं चाहता

बुधवार को अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि वाशिंगटन ने कुछ समय के लिए स्पष्ट कर दिया है कि हम मध्य पूर्व में पूर्ण जंग नहीं देखना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इजरायल को जवाब देने का अधिकार है... और हम उनके साथ इस बात पर चर्चा जारी रखेंगे कि वह प्रतिक्रिया कैसी होगी, लेकिन हम ऐसी कोई कार्रवाई नहीं देखना चाहते जिससे पूर्ण क्षेत्रीय युद्ध हो. मिलर ने ऐसी किसी भी धारणा का खंडन किया कि वाशिंगटन का अब अपने सहयोगी पर प्रभाव नहीं है.

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वाशिंगटन में सेंटर फ़ॉर इंटरनेशनल पॉलिसी के एक वरिष्ठ साथी सिना टूसी का कहना है कि जब ईरान ने पहली बार अप्रैल में इज़रायल पर हमला किया था तो तेहरान ने मूल रूप से दुनिया को टेलीग्राफ किया कि इज़रायल ने सीमित हमलों के साथ जवाब दिया, कुछ हद तक अमेरिकी दबाव के कारण. 

टूसी ने कहा अप्रैल में बाइडेन ने तुरंत नेतन्याहू को बुलाकर इज़रायल के लिए वाशिंगटन के समर्थन के साथ ही उसे सीमित हमले के लिए राजी कर लिया था. इस बार, व्हाइट हाउस ने अब तक ऐसी कोई पहुंच नहीं बनाई है.अब सब कुछ इज़रायल की प्रतिक्रिया पर निर्भर करता है. नेतन्याहू और ईरान दोनों बहुत बड़ा जुआ खेल रहे हैं.
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