अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को मनाया जाया है.अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 के महिला दिवस का थीम 'जेंडर इक्वेलिटी टुडे फॉर अ सस्टेनेबल टुमारो' है. 1977 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को संयुक्त राष्ट्र संघ मान्यता प्रदान की थी. बॉलीवुड में धाक जमाने के बाद अब दमदार महिला किरदार और उम्दा अदाकाराएं ओटीटी पर भी अपना सिक्का जमाने में कामयाब हो रही हैं. अकेले नेटफ्लिक्स की ही बात करें तो इस प्लेटफॉर्म पर ऐसी कई वेबसीरीज मिल जाएंगी जिनकी कहानी एक सशक्त फीमेल कैरेक्टर के इर्द गिर्द घूमती है. पिछले एक दशक में हीरोइन्स के लिए लिखे जाने वाले रोल्स में काफी बदलाव आया है. अब ये पहले से कहीं ज्यादा मीनिंगफुल और पावरफुल हैं. शेफाली शाह, रवीना टंडन या अब डिजिटल पर्दे पर डेब्यू करने वाली माधुरी दीक्षित हों. इन सबकी वेब सीरीज देखकर ये कहा जा सकता है कि अब हीरोइन सिर्फ एक शोपीस नहीं हैं, बल्कि वो है जो अपने हुनर से किसी भी ‘शो' में जान डाल दे. बात करते हैं कुछ ऐसी ही फीमेल लीड्स का जो अपनी अदाकारी से ओटीटी पर खूब तारीफें और प्यार बटोर रही हैं.
डीसीपी वर्तिका चतुर्वेदी, दिल्ली क्राइम (शेफाली शाह)
एक बेबाक और बेखौफ पुलिस अफसर. दिल्ली क्राइम में शेफाली छाया ने ऐसी ही पुलिस अफसर का किरदार निभाया है. रियल लाइफ टफ पुलिस कॉप से इंस्पायर्ड उनका ये रूप दिखा निर्भया केस पर बनी वेबसीरीज में. बाकमाल एक्सप्रेशन्स, पुलिस की दबंग बॉडी लेंग्वेज और डायनामिक एक्टिंग स्किल्स के दम पर शेफाली छाया ने इस रोल में जान डाल दी.
अनामिका आनंद, द फेम गेम (माधुरी दीक्षित)
माधुरी दीक्षित के डांस के दीवानों की कमी नहीं है. उनकी एक मुस्कान पर लाखों दिल फिदा हो जाते हैं. चुनौती थी कि यही जादू ओटीटी पर चला सकें. वो भी उम्र के इस दौर में जब उस एनर्जी से डांस करना शायद उतना आसान न हो. मुस्कान पर मर मिटने वालों की यादें भी लंबे गैप के बाद शायद धुंधला गई होंगी. पर, माधुरी दीक्षित ने भी ये साबित कर दिया कि उम्र के साथ तजुर्बा गाढ़ा हुआ है और हुनर की चमक निखरी है. इस वेबसीरीज में एक फेमस अभिनेत्री का किरदार निभाते हुए माधुरी दीक्षित ने एक मजबूत और इंडिपेंडेंट महिला को बखूबी पर्दे पर उतारा.
कस्तूरी डोगरा, अरण्यक (रवीना टंडन)
मस्त मस्त रवीना टंडन ने ओटीटी पर डेब्यू के साथ नई पारी की शुरूआत की. इस वेबसीरीज में उन्होंने उम्मीद से बढ़ कर उम्दा प्रदर्शन किया है. एक फीमेल कॉप जो परिवार की जिम्मेदारी संभालती है, बच्चों के साथ वक्त बिताती है और जुर्म की दुनिया पर पहरा भी लगाती है. इन जिम्मेदारियों के बीच उलझ कर भी संघर्षों से हार नहीं मानती. बस यही दमदारी रवीना टंडन के इस कैरेक्टर की खासियत है. कहना गलत नहीं होगा कि एक जिम्मेदार और महत्वाकांक्षी पुलिसवाली को पर्दे पर उतारने में रवीना टंडन जरा भी नहीं चूकीं. जिसके साथ उन्होंने नई पारी का शानदार आगाज किया है.
अमृता सुभाष, बॉम्बे बेगम्स और धमाका
एक स्ट्रिक्ट और डॉमिनेटिंग बॉस हो या डांस करके घर चलाने वाली महिला. अमृता सुभाष को किसी भी किरदार में उतरने में वक्त नहीं लगता. पर्दे पर वो हर अंदाज को बेहद खूबसूरती और पूरे परफेक्शन के साथ पेश करती हैं. शायद इसलिए दमदार फीमेल कैरेक्टर रोल्स में उनकी डिमांड बढ़ती जा रही हैं. जो धमाका में कार्तिक आर्यन जैसे आर्टिस्ट पर भारी पड़ती दिखीं तो बॉम्बे बेगम्स में सारी लाइमलाइट अपने नाम करने में पीछे नहीं रहीं.
भारती मंडल, अजीब दास्तान्स (कोंकणा सेन शर्मा)
कोंकणा सेन शर्मा कई बार अपने अभिनय से आम दर्शक ही नहीं क्रिटिक्स को भी अपना कायल बना चुकी हैं. ओटीटी पर भी वो अपना यही इम्प्रेशन बरकरार रखने में कामयाब रहीं. अजीब दास्तान्स की भारती मंडल बन कर कोंकणा सेन शर्मा ने बढ़ती उम्र की सिंगल वूमेन की मजबूरियों और संघर्ष को पूरी संजीदगी के साथ पर्दे पर पेश किया.
संध्या, पगलेट (सान्या मल्होत्रा)
बड़ा पर्दा जो फेम सान्या मल्होत्रा को पूरी तरह नहीं दे सका वो कमी ओटीटी ने पूरी की. सान्या मल्होत्रा के कुछ कोस्टार्स ये कह चुके हैं कि वो बॉलीवुड के उन बेहतरीन कलाकारों में से एक हैं जो बहुत अंडररेटेड है. सान्या मल्होत्रा को भी जब ये साबित करने का मौका मिला कि वो किसी से कम नहीं, अकेले अपने दम पर कमाल दिखा सकती हैं. उन्होंने ये कर भी दिखाया. पगलेट की पगलाई सी संध्या हो या संजीदा सी संध्या दोनों ही किरदारों में सान्या मल्होत्रा ने इस फीमेल कैरेक्टर के साथ इंसाफ किया है.
अनुराधा आप्टे, त्रिभंग: टेढ़ी मेढ़ी क्रेजी (काजोल)
काजोल, किसी किरदार में जान डालने के लिए ये नाम ही काफी है. अपनी एक्टिंग का लोहा तो काजोल कई बार मनवा चुकी हैं. फिल्मी पर्दे पर बड़े बड़े सुपरस्टार्स की नाक के नीचे से लाइमलाइट चुराकर वो फैन्स के दिलों पर राज करती रही हैं. ओटीटी पर त्रिभंग की अनुराधा आप्टे बनकर तीन पीढ़ियों के उतार चढ़ाव के बीच एक फेमिनिस्ट राइटर, अपनी मां को अनाप शनाप कहने वाली बेटी और एक ओडिसी डान्सर, हर अंदाज में काजोल सीन दर सीन दर्शकों को दिल जीतती चलती हैं.
रानी कश्यप, हसीन दिलरूबा (तापसी पन्नू)
दिलरूबा का हसीन होना जितना जरूरी है. और, तापसी पन्नू हो तो पर्दे पर कुछ झोल होना भी उतना ही जरूरी है. ऐसी ही झोलझाल से भरी एक सस्पेंस थ्रिलर है हसीन दिलरूबा. अब हसीन तो तापसी पन्नू हैं ही. रानी कश्यप की कशमकश प्यार और ख्वाहिशों को बखूबी पर्दे पर लाते लाते वो दर्शकों की दिलरूबा भी बन ही जाती हैं.
नीना गुप्ता, मसाबा मसाबा (नीना गुप्ता)
नीना गुप्ता की बेटी का नाम मसाबा है. ये दोनों की रियल लाइफ पर बेस्ड शो था. ये कहना गलत नहीं होगा कि रियल लाइफ नीना गुप्ता से ज्यादा उम्दा पर्दे की नीना गुप्ता नजर आईं.
बुलबुल, बुलबुल (तृप्ति डीमरी)
बुलबुल एक नादान बच्ची के परिपक्व महिला में तब्दील होने की कहानी है. जिसमें तृप्ति डीमरी ने जान डाल दी.
डिंपल आहूजा, मिसमैच्ड (प्राजक्ता कोली)
एक मिसमेच कपल की इस कहानी में प्राजक्ता कोली एकदम फिट बैठती हैं. डिंपल अहूजा के किरदार में वो बखूबी उतरी हैं. और उसे पर्दे पर पूरी शिद्दत से जिया है.
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