एक छोटी सी टीम ने फेक न्यूज़ की छानबीन के मसले को काफी महत्वपूर्ण बना दिया. फेक न्यूज़ का इस्तमाल सांप्रदायिक धुवीकरण फैलाने में भी किया गया. एक तो बकायदा वीडियो पर आकर बोलने लगा कि उसके पीछे जो इमारत है वो राहुल गांधी की है. ये तो आल्ट न्यूज़ के इंस्पेक्टर थे जिन्होंने इस तरह का झूठ पकड़ लिया. प्रधानमंत्री मोदी को लेकर भी झूठे दावे किए गए कि वो गाली दे रहे हैं. आल्ट न्यूज़ ने बताया कि ये पूरी तरह गलत है. ट्विटर ने बहुत सारे फेक अकाउंट हटाए. प्रधानमंत्री के एक लाख फोलोअर को हटा दिया. राहुल गांधी के 9000 फोलोअर हटाया. अमित शाह के 16,500 फोलोअर हटा दिया. केजरीवाल के 40,000 फोलोअर हटा दिए. व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी पर क्या चल रहा है इसे लेकर कम ही रिपोर्टिंग हुई. फेसबुक ने भी कांग्रेस और बीजेपी के नकली पेज हटाए हैं. तो क्या 2019 का चुनाव फेक न्यूज़ मुक्त चुनाव हुआ.