अब से एक दशक बाद ऐसा वक्त भी आ सकता है, जब भारत में बने मानवरहित ड्रोन विमानों का झुंड (स्वार्म या swarm) दुश्मन के इलाके में घुसेगा, अपने आप निशाने तक उड़कर पहुंचेगा, और फिर अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिदम की मदद से बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण केंद्र सरीखे निशानों पर कतई सधे हुए समन्वित हमले करेगा. इस तरह के हर झुंड में दर्जनों ड्रोन विमान हो सकते हैं. अगर उन्हें दुश्मन सीमा में देख भी लिया गया, तो कुछ ड्रोन मार गिराए जाएंगे, लेकिन झुंड में मौजूद विमानों की संख्या इतनी ज़्यादा हो सकती है कि सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों वाले दुश्मन के रक्षा कवच के पलटवार के बावजूद कुछ विमान चकमा देकर मिशन को पूरा कर सकेंगे.