छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के विकास और पर्यावरण बचाने की दिशा में एक अनूठा प्रयास शुरू किया है. इसे नाम दिया गया है नरवा, घरवा, गुरबा, बाड़ी योजना. इसमें नरवा का मतलब नदी-नाले, घरवा का मतलब पशुधन, गुरबा मतलब कूड़ा, गोबर आदि का ढेर जो उर्वरक बन जाता है और बाड़ी यानी खेती किसानी है. राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पर्यावरण बचाने और किसानों को समृद्ध करने के लिए इन सभी चीजों का संरक्षण और सही इस्तेमाल जरूरी है. उन्होंने कहा कि इस योजना की शुरुआत ग्रामीण अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए की गई है. इसके लिए नारा भी दिया गया है- छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी, नरवा, घरवा, गुरबा, बाड़ी.