डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन, जिन्हें भारत में हरित क्रांति का जनक माना जाता है, को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत रत्न से सम्मानित किया। उनके नेतृत्व में भारत का गेहूं उत्पादन 1968 में 12 मिलियन टन से बढ़कर 2024 में 115 मिलियन टन तक पहुंच गया। डॉ. स्वामीनाथन का कहना था, "भविष्य उन राष्ट्रों का है जिनके पास अनाज है, बंदूकें नहीं!" उनकी हरित क्रांति ने भारत को खाद्य स्वतंत्रता और निर्यात क्षमता प्रदान की। इस वीडियो में जानें डॉ. स्वामीनाथन के योगदान और हरित क्रांति की पूरी कहानी