प्रियंका गांधी वाड्रा और मिर्जापुर जिला प्रशासन के बीच चल रहा गतिरोध शनिवार दोपहर कांग्रेस महासचिव के सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मुलाकात के साथ ही समाप्त हो गया. प्रियंका गांधी का धरना शनिवार को दूसरे दिन भी जारी था. रात भर डटे रहे कार्यकर्ता सुबह भी पूरी जोश में दिखे. दिन के 12:00 बजे तक ये नहीं पता था कि क्या होगा लेकिन उसके बाद तेजी तेजी से घटनाक्रम बदलने लगा और तकरीबन 2 घंटे बाद करीब 26 घंटे चला प्रियंका गांधी की पुलिस कस्टडी का रास्ता निकाल आया. पीड़ित परिवार को मुवावज़ा देने की मांग कर रही प्रियंका गांधी ने खुद कांग्रेस की तरफ से दस-दस लाख रुपये मृतकों को देने का एलान किया और उसके बाद वो धरना ख़त्म कर चुनार से बनारस पहुंची जहां उन्होंने काल भैरव और बाबा विश्वनाथ के दर्शन किये.