सूचना आपको बदल देती है. ग़लत सूचना से आप दंगाई बन जाते हैं जैसे आपने देखा कि उत्तराखंड के अगस्त्यमुनि में कैसे लोग ग़लत सूचना के कारण दंगाई में बदल गए और दुकानों को जला आए. अगर उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत सही जानने का दावा किया होता, कोशिश की होती तो वे अपराधी बनने से बच सकते थे और किसी की दुकानें नहीं जलतीं. मुश्किल यह है कि सूचना का बाज़ार ही अफवाहों और फेक न्यूज़ से भर गया है. संवैधानिक पदों पर बैठे नेता झूठ बोलकर सूचना जैसे पवित्र तत्व को प्रदूषित कर रहे हैं. सूचना आपको बदल देती है. ग़लत सूचना से आप दंगाई बन जाते हैं जैसे आपने देखा कि उत्तराखंड के अगस्त्यमुनि में कैसे लोग ग़लत सूचना के कारण दंगाई में बदल गए और दुकानों को जला आए. अगर उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत सही जानने का दावा किया होता, कोशिश की होती तो वे अपराधी बनने से बच सकते थे और किसी की दुकानें नहीं जलतीं. मुश्किल यह है कि सूचना का बाज़ार ही अफवाहों और फेक न्यूज़ से भर गया है. संवैधानिक पदों पर बैठे नेता झूठ बोलकर सूचना जैसे पवित्र तत्व को प्रदूषित कर रहे हैं.