यूएपीए यानी गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, इस आतंक विरोधी कानून के तहत जिन लोगों पर आरोप लगता है उन्हें मुश्किल से जमानत मिल पाती है जैसे केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन. पिछले कुछ वक्त में इस कानून का इस्तेमाल पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के विरोध को दबाने के लिए किया गया. ज्यादातर यूएपीए से जुड़े केस में आरोपियों का काफी समय तक जेल में रहना पड़ता है.