प्रकाशित: जुलाई 21, 2019 08:00 PM IST | अवधि: 45:58
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राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर में 3.29 करोड़ आवेदकों में से 40 लाख से ज्यादा लोगों को बाहर किए जाने से उनके भविष्य को लेकर चिंता पैदा हो गई है. देश में असम इकलौता राज्य है जहां सिटिजनशिप रजिस्टर की व्यवस्था लागू है. 24 मार्च 1971 की आधी रात तक राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों को भारतीय नागरिक माना जाएगा. जिस व्यक्ति का सिटिजनशिप रजिस्टर में नहीं होता है उसे अवैध नागरिक माना जाता है्. सवाल ये भी उठ रहा है कि सीमावर्ती इलाकों में कई लोगों के नाम अधिकारियों की मिलीभगत से जोड़े गए हैं. ऐसे में करीब 20 फीसदी नामों के दोबारा सत्यापन के लिए थोड़े समय की जरूरत है. यही वजह है कि डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाने का अनुरोध किया है.केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि अवैध घुसपैठियों को हर हाल में अपने देश वापस जाना ही होगा. केंद्र ने कहा कि हम भारत को विश्व की रिफ्यूजी कैपिटल नहीं बना सकते.