प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में हम कितना आगे जाएंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में यानी आज कैसी शिक्षा दे रहे है, कैसी दिशा दे रहे हैं. 21वीं सदी का युवा अपनी व्यवस्थाएं, अपनी दुनिया खुद अपने हिसाब से बनाना चाहता है. इसलिए, उसे 'एक्सपोजर' चाहिए, उसे पुराने बंधनों, पिंजरों से मुक्ति चाहिए.उन्होंने कहा कि इस युवा पीढ़ी को जब इनके सपनों के अनुरूप वातावरण मिलेगा, तो इनकी शक्ति कितनी ज्यादा बढ़ जाएगी. इसलिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं को ये विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके और उनके हौंसलों के साथ है.राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हर तरह के दबाव से मुक्त रखा गया है. जो खुलापन नीति के स्तर पर है, वही खुलापन छात्रों को मिल रहे विकल्पों में भी है.