लॉकडाउन में धीरे-धीरे प्रतिबंध कम कम किए जा रहे हैं और छूट की सूची धीरे-धीरे बढ़ रही है.लॉकडाउन में भले ही छूट दी जा रही हो पर इसका असर भी धीरे-धीरे ही देखने को मिलेगा. रियायत दी गई है तो इसका कोई मापदंड नहीं है कि इससे कब तक सुधार देखा जाएगा और कब तक हमारे देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आएगी. अर्थव्यवस्था पर कितना बड़ा संकट है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दूसरे विश्वयुद्ध के बाद ऐसा आर्थिक संकट इस समय है. फिलहाल जीएसटी गिर गया है, नौकरी चली गई है और मजदूर मजबूर हो गए हैं. विकास का पहिया थम गया है. लॉकडाउन जरूरी भी है पर सबसे बड़ी परेशानी भी है.