भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) का अनुमान है कि पिछले साल की तरह इस बार भी मानसून के सामान्य से कम रहने की संभावना है और विभाग ने इसके लिए अल नीनो कारक को आंशिक रूप से जिम्मेदार ठहराया है। विभाग ने कहा कि कम वर्षा से पश्चिमोत्तर और मध्य भारत के हिस्सों पर सबसे अधिक असर पड़ने की संभावना है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री हषर्वर्धन ने कहा कि मानसून दीर्घकालिक औसत का 93 फीसदी रहेगा जो सामान्य से कम है।