खबरों की खबर : इसे मुआवज़ा कहें या मज़ाक

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  • प्रकाशित: अप्रैल 09, 2015
उनकी फ़सल बरबाद हुई। सबने वादा किया कि मुआवज़ा मिलेगा और फौरन मिलेगा। लेकिन जो मिल रहा है, वो मुआवज़ा है या मज़ाक, ये किसान समझ नहीं पा रहे।

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