बिहार में इंसेफ्लाइटिस के अलावा लू लगने से भी 100 लोगों की मौत हो चुकी है. दूसरे अन्य अस्पतालों में भी मरीजों की उतनी ही भीड़ है. उन अस्पतालों में आपात चिकित्सा पर क्या असर पड़ेगा. पटना मेडिकल कॉलेज में भी 40 फीसदी डॉक्टरों की कमी है. दरभंगा मेडिकल कॉलेज में भी 50 फीसदी डॉक्टरों की कमी है. बिहार में डॉक्टरों के 11,734 पद स्वीकृत हैं, 6000 के करीब ही डॉक्टर हैं. इसमें से भी करीब 2000 डॉक्टर कांट्रेक्ट पर हैं. 2300 ही स्थायी हैं. बिहार में 17,685 लोगों पर एक डॉक्टर है. गनीमत है कि मीडिया अभी मुज़फ्फरपुर के अस्पताल को लेकर ही सक्रिय है. अगर वो बाकी अस्पतालों में घूमने लगा तो अस्पताल कम दिखेंगे बिहार की गरीबी ज्यादा दिखेगी.