प्रवासी मजदूरों का संकट देश के सामने है. हर रोज मजदूरों के संघर्ष की एक नई तस्वीर सामने आ रही है. एक मजदूर अपनी गर्भवती पत्नी और छोटी बेटी को लेकर लकड़ी की गाड़ी पर ले जाता नजर आया. वह हैदराबाद से बालाघाट पहुंच चुका है. उसने 17 दिन का सफर तय किया है.