दिल्ली के जेएनयू कैंपस में फरवरी 2016 में हुए कथित देशविरोधी नारेबाज़ी में एक नया मोड़ आ गया है. दिल्ली सरकार देशद्रोह के आरोपों से सहमत नहीं है. सूत्रों के मुताबिक़ दिल्ली सरकार के गृह विभाग का कहना है कि सबूतों के आधार पर देशद्रोह का मामला नहीं बनता है. दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह की धारा के तहत मुक़दमे की मंज़ूरी के लिए दिल्ली सरकार के गृह विभाग के पास फ़ाइल भेजी थी. लंबे समय तक फ़ाइल को टरकाने के बाद दिल्ली सरकार ने अब इस मामले में अपना मन बना लिया है. इस मामले में लेफ़्ट नेता और तत्कालीन जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर ख़ालिद, अनिर्बन भट्टाचार्य समेत 10 लोग आरोपी हैं. वहीं सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि गृह मंत्रालय इस पर निर्णय ले रहा है. इसमें हम लोगों की तरफ से हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा. किसी तरफ से राजनीतिक हस्तक्षेप और दबाव नहीं होगा.