छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार के बीच धान की खरीद (Chhattisgarh Paddy Procurement) को लेकर घमासान मचा हुआ है. छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर 2020 से 30 जनवरी 2021 तक धान खरीदी होनी है. लेकिन पहले धान के बोरे को लेकर और अब एफसीआई से चावल लेने की अनुमति नहीं मिलने के बाद तल्खी और बढ़ गई है. इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister Narendra Modi) को पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने खत लिखा फिर फोन पर बातचीत भी की. छत्तीसगढ़ में इस साल 21 लाख 52 हजार किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है. धमतरी जिले में भी 89 धान खरीदी केंद्रों में पंजीकृत किसानों (Paddy farmers) से धान खरीदा जा रहा है, लेकिन कई किसान परेशान है. फसल कटने के 2 महीने बाद भी धान बिका नहीं है. कई किसानों के पास धान को रखने के लिए घर में जगह नहीं है, खुले आसमान के नीचे धान रखा है. धान बिका नहीं सो हाथ खाली हैं. मजदूर, दुकानदार सब पैसों के लिए तगादा कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि धान बिक्री का टोकन नहीं मिल रहा है. हमारे पास एक कौड़ी पैसा नहीं बचा है, कर्जा लेकर दिन काट रहे हैं. मजदूर को देने के लिए भी पैसा नहीं है.