नवी मुंबई नगर निगम (NMMC) के बाल रोग विभाग के डॉ उद्धव खिलारे कोविड टास्क फोर्स के सचिव भी हैं उन्होंने HelpingHands telethon में कहा कि अहमदनगर में एक महीने में आए कोविड के केसों में से 10 फीसदी मामले बच्चों के थे. यह कोई नई बात नहीं है कि बच्चे प्रभावित हो रहे हैं, लेकिन बच्चे असुरक्षित क्यों हैं? क्योंकि वे संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन नहीं कर पा रहे हैं. पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के फेफड़ों में रिसेप्टर्स की संख्या कम होती है जो कि गंभीर होने के मामले में महत्वपूर्ण है. बच्चों में इन रिसेप्टर्स की संख्या कम होने के कारण हमने बच्चों में शायद ही कोई गंभीर मामला देखा हो, लेकिन हां, हमें तीसरी लहर की तैयारी करनी होगी क्योंकि 18 साल से कम उम्र के लोगों को टीके नहीं लग रहे हैं, इसलिए हमें सावधान रहना होगा. हम चाइल्डफंड के साथ लगभग एक साल से काम कर रहे हैं और उन्होंने बच्चों के अनुकूल केंद्र स्थापित करने में मदद की है. पिछले एक साल में उन्होंने अलग-अलग तरीकों से हमारी मदद की है.